जुबान कड़बी लगती है मेरी क्योकि सच बोलता हूं
मै यूं पीठ पीछे ज़हर नहीं घोलता हूं-
वो बाते मोहब्बत की करते हैं पर मोहब्बत का म भी नहीं जानते
वो दावा करते हैं की हमें भली भांति जानते हैं, पर घण्टा 🔔नहीं जानते-
पर तूने कभी जाना नहीं
हम तो हमेशा से तुझे अपना मानते थे
पर तूने कभी माना नहीं-
जहाँ हवाओं में बस महादेव का नाम बहता है
माथे पे तिलक की जगह भ्सम रहता है
नहीं रहती है चिन्ता दुनिया जहान की
जी हाँ हम बात कर रहे हैं केदारनाथ धाम की-
जो चला गया उसको छोड़, जाने दे
जो आना चाहाता है कम से कम उसको तो आने दे-
बड़ा सुकून मिलता है, कभी खिलखिला के हसों तो सही
बड़ी खूबसूरत है ये जिन्दगी, खुलके जियो तो सही-
मुझे आज कल उसकी एक चीज़ बड़ी खलती है
पहले मिलती थी मुझसे वो सज संबर के,
पर आज कल बिगड़ के मिलती है-
मेरी अंधेरी जिन्दगी मे भी अब उजाला है
क्योकि मुझे वक़्त ने नहीं, महादेव ने संभाला है-
खुशी मे तो सब मुस्कुरा लेते हैं
जो गमों को भी मुस्कुराना सिखा दे उसे खिलाड़ी कहते हैं
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