Amit Singh   (Amit singh)
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Medical student
Joined 1 December 2019


Medical student
Joined 1 December 2019
19 MAY 2024 AT 9:07

एक उम्मीद उनकी भी

आखिर लड़कियो को क्यों बोझ समझा जाता है।
और लड़को को इतना लाड़-प्यार किया जाता है।
लड़कियों को कहते हैं, दूसरे के खेत की मूली,
और लड़को को अपना उत्तराधिकार माना जाता है।

क्यों लड़कियो को बंधन मे रखा जाता है।
और लड़को को आजाद पंछी की तरह रखा जाता है।
काम करने मे लड़कियों को ही जिम्मेदार माना जाता है।
और लड़को को उनका आने वाला भविष्य माना जाता है।

लड़कियाँ पढ़ने मे कितनी भी होशियार हो,
उसे कभी भी सम्मान नही दिया जाता है।
पर लड़का कितना ही निकम्मा हो,
उसे उतना ही सिर पर बिठा दिया जाता है।

लडकियाँ थोड़ी बड़ी हुई नही कि,
उसे शादी के लिये मजबूर किया जाता है।
और दहेज के नाम पर उनके साथ,
रोज अन्याय किया जाता है।
किसी को फांसी, तो किसी को जिन्दा जला दिया जाता है।
और किसी को खुदखुशी, करने पर मजबूर किया जाता है।

कहते है कि मां के लिये सभी बच्चे बराबर है,
लेकिन वे ही ज्यादा भेदभाव करती है।
क्योंकि वो सदैव ही पुत्रवती होना चाहती है।
पर वे कभी ये नही सोचती है ,
कि वो भी मां से पहले, एक कन्या ही रहती है।

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17 MAY 2024 AT 15:06

मेरा गुरुर

मैं लूटा चूका हूं, अपना सबकुछ
अब मुझमें बस तु बाकी है
दुनिया कहती बर्बाद है मुझको
देख के मुझमें तु बाकी है
अजमाइश की बाजार में
खड़ा रहा बीचो -बीच
सब ने लगा दी बोली
बस तू बाकी है
फर्क नहीं पड़ता किसी के जाने से
गुरुर था मेरा कि तू बाकी है
गुरुर था मेरा कि तू बाकी है.....

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3 MAY 2024 AT 11:46

आज की जनरेशन,
देखे हर समय नोटिफिकेशन।
किसी बात की नहीं इनको टेंशन,
फोकस करते हैं सिर्फ और सिर्फ फैशन।
पेपर में चले केवल रट्टाफिकेशन,
अंकतालिका मेंं हो बस पास मेंशन।
सब कुछ करें लास्ट डेट पर सबमिशन,
क्योंकि एक जगह नहीं है इनका अटेंशन।
सदाचार का स भी इनको नहीं आता
नहीं है जिंदगी में इनको कुछ करने की टेंशन
सुबह से शाम तक चिपके रहते हैं इंस्टा फेसबुक की दुनिया में
समाज और मानवता से होते जा रहे हैं परे
ऐसी जनरेशन क्या करेंगे समाज निर्माण
जो खुद नहीं कर सकते अपना निर्माण
जिंदगी बढ़ाएगी इन जनरेशन की टेंशन
जब घर से नहीं मिलेगा पेंशन

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8 DEC 2023 AT 22:53

आओ बच्चों तुम्हे दिखाएँ झांकी सोशल मीडिया की
घर बैठे हम दर्शन करते सब लोगों के दुनिया की
क्या खाया और पहना हमने सबको तो ही बतलाते
छोड़ ह्रदय की बातें हम तो चेहरे को ही दिखलाते
संस्कार हमारे हमें छोड़कर लोगों तक हैं पहुँच रहे
इंस्टाग्राम फेसबुक के बदले खुद को हैं हम बेच रहे
बात करें भारत भविष्य की और लोगों के दुनिया की
आओ बच्चों तुम्हे दिखाएँ झांकी सोशल मीडिया की
इससे ही दिन होता है और इससे ही होती है रात
बन्दर जैसे फोटो खिंचवाया तब शायद बनती है बात
लाइक कमेन्ट शेयर देखने को हम कितने रहते बेचैन
टिकटॉक पर फॉलोवर्स नहीं तो क्यूँ आये एक पल भी चैन
पबजी से बर्बाद हो रही चर्चा बच्चों के दुनिया की
आओ बच्चों तुम्हे दिखाएँ झांकी सोशल मीडिया की
माँ के हाथ का खाना अब तो स्विगी ज़ोमैटो में बदल गया
समूह में शॉपिंग भी अब एमेजॉन फ्लिप्कार्ट में ढल गया
एक ही छत के नीचे देखो तो फेसबुक की दीवार खड़ी
अंगूठा छाप दुनिया थी पहले फिर अंगूठे पर आ पड़ी
संस्कार छोड़कर होती है बात ट्विटर के दुनिया की
आओ बच्चों तुम्हे दिखाएँ झांकी सोशल मीडिया की
मेरी मानो दूर हो जाओ यह एक सुन्दर छल है
खुद की बर्बादी में शामिल ये नहीं कोई हल है
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख इसाई दुश्मन यही से बनते हैं
वर्ना समाज में भाईचारा और मानवता ही बसते हैं


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27 NOV 2023 AT 19:56

ज़िन्दगी का दूजा नाम adjustment है
इसका अपना ही एक judgement है
रहकर ख़ामोश हमें सब पीना होगा
न चले ज़ुबॉं, इसे नापसंद argument है
हो नहीं सकती खेती, इसका बीज कहॉं
असल में इसकी अपनी placement है
है बेहद स्वादिष्ट, देखो कभी चख के
मीठी कभी नमकीन सौ percent है
देख लो डाल इसे तन पर अपने
ये दाम पे न मिलने वाली deodorant है
देती है बना चमकीला कोने कोने को 
ये सबसे अलग रंग का एक paint है
बसते हैं सान्निध्य इसके जलवे खुदा के
शायद ही कोई इसके जैसा saint है
पास इसके सबके नाम के ख़त हैं 
खूबी तो लिखी कहीं complaint है
छू लो इसे मोहब्बत से, है तितली ये
छुओगे बेमन तो होती पल में faint है
उजली हो या काली, है महबूबा ये अपनी 
ग़मों की खुशहाली में यही ointment है
लगा लो सीने से, आएगा मज़ा जीने में 
नहीं पक्का इसके बराबर cement है
है मीठा गीत ये, बॉंध लो संगीत में 
दे सकून सबके मन, ये एक chant है
नामुमकिन दामन झटकना इससे, मान लो
अन्यथा देती साँसों को ये retirement है
समझ लो कीमत इसकी कशिश की 
कभी ना खत्म होने वाली excitement है
मनाओ शुक्र है अपनाया इसने तुम्हें
मुझे तो देना यही एक statement है।






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25 SEP 2023 AT 22:34

लोग पूछते हैं हमसे
किसी एक में पुरी दुनियाँ कैसे देख सकते हो तुम
अब उनको कैसे बताएं
जब से मिलना हुआ है उनसे
ज़िन्दगी के रंग बदल गये हैं एकदम से
नजरों का देखने का नज़रिया बदल गया
यार सच कहूँ उनसे मिलने के बाद हमें सब कुछ मिल गया

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21 SEP 2023 AT 16:13

यूँ जिन्दगी के ख्वाब दिखा गया कोई,
मुस्कुराके अपना बना गया कोई,
बहतीं हुई हवाओं को यूँ थाम ले गया कोई,
सावन में आके कोयल का गीत सुना गया कोई,
यूं अपने प्यार की हवा से गम को मिटा गया कोई,
मीठे सपनों में आपके अपना बना गया कोई,
धूल लगी किताब के पन्नें पलट गया कोई
उस में सूखे हुए गुलाब की याद दिला गया कोई
यूँ जिन्दगी में फिर से प्यार की बरसात दे गया कोई
बिन आहट की इस दिल में जगह बना गया कोई
यूँ फिर से मुझे जीने का मकसद सिखा गया कोई
बिना आहत अपना बना गया कोई

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14 SEP 2023 AT 21:24

मै मां से रहता काफी दूर
कल मैं एक मां से मिला
उन्होंने सम्पूर्ण मां का प्यार दिया
वो पनीर की सब्जी, गर्म गर्म पूरी
मिक्स वेज के साथ खीर लाजवाब
है नमन मां आपको
आपने हमें इतना प्यार दिया
पर मां दुख भी मुझे हुआ
कि आप इतना परेशान हुई
मां सदैव आप प्रेम और आशीर्वाद ऐसे देते रहना

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17 MAY 2023 AT 18:59

तेरे हर दर्द की दवा बन जाऊं
यूं रख ले मुझे अपने लबो पे की तेरी
मुस्कान हो जाऊं
तेरे हर दर्द की दवा बन जाऊं
क्यूं दूर दूर यूं तन्हा ,नाक पर गुस्सा जड़ा बैठी हो
ऐसा क्या हुआ कि खुदी से रूठी हो
वजह मुस्कुराने की जिंदगी मे कम तो‌ नहीं
फिर क्यूं आँखों में आंसू लिऐ बैठी हो
माना कि कभी कभी बेरहम हो जाती है जिंदगी मगर गैर तो नहीं होती जिंदगी
रूठकर अपनो से
खफा दोस्तो से
यूं खुद से भागकर
हालातो जंग लड़ी तो नहीं जाती
तू बहुतों की क्रश ,
जरा यह भी तो सोच यारा
तुझे कितने प्यार से देखते हैं लोग
पर एक तुम हो कि खडूस बन जाती हो
ए मुशाफिर तुम सारी उलझनों को छोड़
तेरा हमराही देख लेगा सभी मुश्किलों को
तेरे हर गम का ईलाज हो जाऊं
यूं रख ले मुझे अपने लबो पे कि तेरी
मुस्कान हो जाऊं
तेरे हर दर्द की दवा बन जाऊं

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14 MAY 2023 AT 17:22

माँ अगर आप न होती तो मुझे समझाता कौन…
काँटो भरी इस मुश्किल राह पर चलना सिखाता कौन…
माँ अगर आप न होती तो…
माँ अगर आप न होती तो मुझे लोरी सुनाता कौन…
खुद जागकर सारी रात चैन की नींद सुलाता कौन…
माँ अगर आप न होती तो मुझे चलना सिखलाता कौन…
ठोकर लगने पर रास्ते पर हाथ पकड़ कर संभालता कौन…
माँ अगर आप न होती तो…
माँ अगर आप न होती तो मुझे बोलना सिखाता कौन…
बचपन के अ, आ, ई, पढ़ना-लिखना सिखाता कौन…
माँ अगर आप न होती तो मुझे हँसना सिखाता कौन…
गलती करने पर पापा की डाँट से बचाता कौन…
माँ अगर आप न होती ,तो मुझे परिवार का प्यार दिलाता कौन…
सब रिश्ते और नातों से मेरी मुलाकात कराता कौन….
माँ अगर आप न होती तो…
माँ अगर आप न होती तो मुझे गलती करने से रोकता कौन…सही क्या हैं, गलत क्या हैं इसका फर्क बताता कौन…
माँ अगर आप न होती तो मुझे ‘प्यारा बेटा कहता कौन…
‘मेरा राज-दुलारा प्यारा बेटा’ कहकर गले लगाता कौन…
माँ अगर आप न होती तो मुझे समाज मैं रहना सीखाता कौन…
आपके बिना ओ मेरी माँ मेरा अस्तित्व स्वीकारता कौन…
माँ अगर तुम न होती तो…
माँ अगर आप न होती तो मेरा हौसला बढ़ाता कौन…
नारी की तीनों शक्ति से मुझे परिचित कराता कौन
माँ अगर आप न होती तो…

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