26 JAN 2019 AT 23:10

हे जन्म-भूमि भारत, हे कर्म भूमि भारत,
हे वन्दनीय भारत, अभिनन्दनीय भारत,
जीवन सुमन चढ़ाकर अराधना करेंगे,
तेरी जन्म-जन्म भर हम वन्दना करेंगे |
हम अर्चना करेंगे............................

जो संस्कृति अभी तक दुर्जेय सी बनी है
जिसका विशाल मन्दिर, आदर्श का धनी है,
उसकी विजय ध्वजा ले, हम विश्व में चलेंगे,
संस्कृति सुरभि पवन बन, हर कुन्ज में बहेंगे|
हम अर्चना करेंगे,हम अर्चना करेंगे.............

- अमित श्रीवास्तव ('अनंत')