Amit Sharma   (Amit Sharma ✍🌿🇮🇳)
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Teacher and Writer
Joined 29 May 2018


Teacher and Writer
Joined 29 May 2018
1 NOV 2022 AT 21:21

हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सिग्मा एजुकेशन पॉइंट वार्षिक टूर पर जाने के लिए तैयार है।
इस वर्ष हम वाराणसी की यात्रा के साथ ही साथ सारनाथ और विंध्याचल के प्राकृतिक मनोरम दृश्यों का आनंद लेंगे और जीवन में रोमांच और उल्लास की अनुभूति करेंगे।

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26 JUL 2020 AT 14:17

खो गया है बचपन मेरा कहीं इस संसार मे,
खोल दिए हैं हर बाजुए, फिर भी सिकन क्यों है इस संसार मे,
कई बसंत बीत गए पर खुशियां न मिली वह बारम्बार
अभी भी तनहा हूं इस दुख भरे संसार मे,
था वह बचपन बड़ा ही मधुकर।
पर खड़े हैं हम आज हर पल इस मौत की कतार मे l
बड़ी सौंधी लगती थी वह मिट्टी की खुशबू!
आज धोए जा रहे हैं हाथों को बार बार।
था बड़ा ही अलबेला बचपन मेरा
न थी कोई फिक्र हर बार।
खो गया है बचपन मेरा कहीं इस संसार मेंl
खो गया है बचपन मेरा कहीं इस संसार में ll

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18 OCT 2021 AT 21:19

जिंदगी की हर सुबह कुछ शर्ते लेकर आती है और जिदंगी की हर शाम कुछ तजुर्बे देकर जाती है।

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21 MAR 2021 AT 21:15

Love the depths of the heart.

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21 MAR 2021 AT 21:11

Laziness is the mother of all bad habits, but ultimately she is a mother and we should respect her!

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22 SEP 2020 AT 19:15

जीवन में रिश्तो के बुने ताने-बाने और उसकी अहमियत को अपने जीवन में चरितार्थ करना प्रशंसनीय ही नहीं बल्कि वंदनीय है।

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22 SEP 2020 AT 10:01

कभी कभी जीवन में किसी कार्य के प्रति अधिक समर्पण और तन्मयता। शोषण का कारण बन जाती है ऐसे कार्यों के लिए अत्यधिक ऊर्जा खर्च करना
बुद्धिमत्ता नहीं वरन मूर्खता है l

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11 SEP 2020 AT 20:58

हकदार बदल दिए जाते है,
किरदार बदल दिए जाते है
यह दुनिया है साहब,
यहां मन्नत पूरी ना हो तो रिश्ते क्या
भगवान तक बदल दिए जाते है l

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10 SEP 2020 AT 12:51

अपने मुख से कहे गए दूसरों को अपशब्द ही आपके चरित्र और पारिवारिक पृष्ठभूमि को स्वतः ही व्याखित कर देते है l

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8 SEP 2020 AT 14:50

जरूरत से ज्यादा किसी को समय और इज्जत नहीं देनी चाहिए
किसी शायर ने ठीक ही कहा है
बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले। बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले। 

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