ये जो चेहरे की मुस्कान है
हालातों की मोहताज बनेगी तब छिन जाएगी
इसके बाद का शख़्स ज़िंदा तो होगा
मगर जिएगा नहीं
ठहाके मारकर खिलखिलाएगा बहुत
मगर खुश होना छोड़ चुका होगा
एक कहानी अधूरी सी बनाये
खुद्को ही सुनाता रह जाएगा जीवनभर
वो कभी कविता लिखेगा कभी गीत गायेगा
मगर सुनाएगा नही कभी
अंत में केवल उदासी और नरमी होगी
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जो ना कभी कही गयी ना सुनी गयी 🖤
एक वहम है मेरा
कि उसे मुझसे इश्क़ है
इस झूठे वहम की ख़ातिर
कितने सच नकारे फिरता हूँ-
जिस तरह बरसाती मौसम में
ये काली घटायें सूरज को धक लेती है
उसी तरह ये तेरी यादें
मेरी रातें उजाड़ा करती हैं-
प्रेमी मोहब्बत में मिलते होंगे औरों को
हम जिनसे करते है वो नहीं मिलते !-
इश्क़ में मदिरा पिए हुए
वो आवारा सा फिरता होगा
शाम को प्रेमी की यादों में
गिरता और बिलखता होगा
ये इश्क़ वफ़ा की बातों को
वो गीतों में गाता होगा
एक शक्श मोहब्बत का मारा
किस किसको व्यथा सुनाता होगा
यादों के साये मँडराते होंगे जब दिल पर
वो दीवारों से पागल सा सर टकराता होगा
एक शख़्स अधूरी प्रेम कथा को
गली गली बताता होगा
उम्मीदों के सपने जब टूटे होंगे
वर्षों के वादे जब झूठे होंगे
जन्मो की सौग़ातें जब बिखरी होंगी
प्रेम अदालत जब मुख मूँद खड़ी होगी
आँखे सुर्ख़ खून की धारा बहाती होंगी
वो प्रेम पर लिखी किताबों को आग लगाती होंगी
किसी रोज़ जब प्रेमकाव्य बदला जाएगा
जो चला गया है लौटकर वापिस आ जाएगा !
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सुबह की चाय है माँ
रात की bye है माँ
माँ दिन नहीं मेरा
दुनिया है मेरी वो माँ-
हमको अखबारो से बस एक गिला है
जो लिखते हो तो आज़ादी से लिखो
ये बिकी हुई कलम ये उधारी के पन्ने
ना कभी सच लिख पाए हैं ना लिखेंगे-