Amit Roshwal   (Roshwal Amit)
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Joined 12 September 2019


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Joined 12 September 2019
24 OCT 2023 AT 12:16

राम तुम्हारे युग का रावण अच्छा था... दस के दस चेहरे बाहर रखता था..

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10 AUG 2023 AT 14:25

In a world of practicality,..being honest and too emotional is crime...

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13 DEC 2021 AT 17:23

कैसे कह दूं तेरा कसूर
जब था ही नहीं जिंदगी को मंजूर...
इस जन्म ये बंदिशें सही
वादा हैं किसी और जन्म हम मिलेंगे ज़रूर....

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23 MAY 2021 AT 20:50

"Break up ho gya" she said,
"The show must go on" I replied..

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18 MAY 2021 AT 11:32

इन आरज़ूओ से कहदो औक़ात में रहे......
......कामयाबी में हमारी अभी वक्त बाकी हैं..

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16 APR 2021 AT 10:49

ताउम्र तेरी मोहब्बत में हम बड़ी सिद्दत से मशगूल रहे,
.....सिला मिला ये..... कि ना तू हमारी हो सकीं और ना हम किसी ओर के हो सके

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12 APR 2021 AT 11:45

वक़्त से पहले ही नींद के आगोश में समा जाते हैं अब हम,
हररोज ख़्वाबों में मुखातिब हमसे जो होने लगे हों तुम..

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13 MAR 2021 AT 21:41

शातिराना सी ये हँसी ना होती चेहरे पे तेरे
....हो गया होता रूबरू जो ग़मों से तू मेरे

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10 MAR 2021 AT 22:02

अफसोस है आपके दिल के मरीज हम हो न पाये
और सोचकर आपके बारे में अपने दिल की भी ना सुन पाए
मजबूरियां कुछ ऐसी है तुमसे दिल लगा सकते नहीं
होंगे एक दिन इक दूजे के हम,बस खो ना जाना तुम कही
....खुशी है अधूरी ही सही मुलाकात तो हुई
और बातों बातों में कुछ जिंदगी की तो कुछ दिल की बात तो हुई
अब तो बेकरार हुआ जाता है दिल तुम्हारी एक झलक पाने को
पर समझा लेते हैं खुद को ये कहकर,
कुछ ही तो वक्त है जुदाई का फिर तो पूरी जिंदगी होगी उनमें समाने को

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7 MAR 2021 AT 8:57

बेवफ़ा सी लगने लगी है वो गलियां भी अब हमे
जहाँ नगमें मोहब्बत के कभी सुना हम करते थे

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