Amit Rana   (ranasaab_official)
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शायरी जो जज्बातो को कागज़ पे उकेरे।
Joined 5 July 2019


शायरी जो जज्बातो को कागज़ पे उकेरे।
Joined 5 July 2019
26 AUG 2023 AT 15:23

मुलाक़ातों के दौर में
तुम रूहानियत की बात करते हो
अपनी ज़िद्द पे अड़ के
तुम क्या ख़ाक इश्क़ लड़ाओगे।।।

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22 MAR 2023 AT 22:05

हमने इश्क़ किया था
और तुमने सौदा
हम अभी तक निभा रहे है
और तुम करके भूल गए।

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7 AUG 2022 AT 13:13

तूने बीज़ समझ निकाल फेंका था मुझे
खाने वाली चीज़ से
देख मैं फिर खड़ा हो उठा पेड़ बनकर
तुझे लाखों फल खिलाने के लिए

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5 JUL 2022 AT 17:35

हमसफ़र भी बन जाएँगे तेरे
इन अकेली राहो में
तू मुस्कुराकर
साथ भरने की गवाही तो दे

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25 JUN 2022 AT 8:32

चलो पूरा कर देते है
इश्क़ की दास्तान को
सुना है
कुछ अधूरा रहने पर
बार-बार जनम लेना पड़ता है।

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17 JUN 2022 AT 12:13

कुछ देर और तो बैठ पास मेरे
मुझे जी भरकर निहार लेने दे
तेरी आँखो में देखूँ झलक प्यार की
और हाथ से ज़ुल्फ़ों को संवार लेने दे
यक़ीन नहीं होता इस हक़ीक़त पे मुझे
सच के लिए अपने आग़ोश में आ लेने दे
दुआ है मेरी ठहर जाए ये वक़्त यहीं पर
सब भुला, तुझे दुनिया अपनी बना लेने दे

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16 JUN 2022 AT 13:24

बिना नज़रें मिलाए
ज़िक्र-ए-इश्क़ कर दिया तुझसे
बिना तुझे पूछे
तुझे ही चाहने लगे हम
अब हाथ बढ़ाया है
तो साथ भी निभाना
देखो पलक झपकते ही
कितने क़रीब आ गये हम

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15 JUN 2022 AT 11:52

ਕਿੰਨਿਆਂ ਦੇ ਹੱਕ ਮਾਰੇ
ਕਿੰਨਿਆਂ ਨੂੰ ਲਾਏ ਲਾਰੇ
ਜਵਾਬ ਇੰਨਾਂ ਸੋਖਾਂ ਤਾਂ ਨਹੀਂ

ਕਿੰਨਿਆਂ ਦੇ ਦੁੱਖ ਤਾਰੇ
ਰੋਕੇ ਬਹਿੰਦੇ ਹੰਜੁ ਖਾਰੇ
ਹੋਣਾ ਇੰਨਾਂ ਅੋਖਾ ਵੀ ਨਹੀਂ

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15 JUN 2022 AT 11:43

ख़्वाबों की बस्ती में
हसरतों के मेले है
हक़ीक़तों के आग़ोश में
सब अकेले है
चाहने वाले मिलते है
हर गुजरते मोड़ पर
नए बनते रिश्तों में
ज़रूरतों के झमेले है।

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15 JUN 2022 AT 11:22

मेरे जैसी शख़्सियत
तुम भी बना लेते
अगर किरदारों में हमारे
फ़रक ना होता

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