Amit Prem "AkR"   (Amit Prem "AkR")
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Joined 6 March 2018


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Joined 6 March 2018
3 AUG AT 21:33

मुझको जीवन का यही सार लगता है
जिंदगी में सबको थोड़ा-थोड़ा प्यार लगता है,

वैसे तो गुजर जाती है, यूँ भी हमारी जिंदगी
पर जिंदगी जीने के लिए एक-दो यार लगता है।

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28 JUL AT 21:10

अब और क्या देखना रह गया?

जितना भी था, दिल में प्रेम मेरे
सब आँखों से आज बह गया।

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28 JUL AT 21:04

तुम क्यूँ ऐसा बार-बार कर रही हो?
क्या हुआ किसका इंतजार कर रही हो?

तुमने तो कहा था कि अब नहीं होगा
मैंने सुना है कि फिर से प्यार कर रही हो।

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27 FEB AT 15:09

काटना नहीं
उस पेड़ को तुम
है फलदार।

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7 APR 2024 AT 12:02

मृगतृष्णा सा होता है, स्त्रियों का प्रेम

आसानी से किसी के पास नहीं आता।

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7 APR 2024 AT 11:57

हर स्त्री को मिलता है पुरुष का प्रेम

हर पुरुष को स्त्री का प्रेम नहीं मिलता।

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26 AUG 2023 AT 23:39


कभी खुद से भी मिलो ये दफ्तर वालों,

ये जिंदगी बस खाने कमाने के लिए नहीं है।

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27 JAN 2022 AT 10:09

अब दिल की मंजूरी से नहीं होते हर काम,

वक्त भी चाहिए होता है किसी से मिलने के लिए।— % &

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25 JAN 2022 AT 9:27

अब नहीं करता किसी के मैसेज का इंतजार,

मैं सो जाता हूँ रातों में जल्दी आजकल।

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23 JAN 2022 AT 11:10

किसी से इतनी अपेक्षा मत करो,

की वो उपेक्षा करने लगे।

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