Amit Prajapati   (✍️✍️Amit Prajapati0505 Ajmer.)
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Joined 21 May 2020


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Joined 21 May 2020
17 MAR 2022 AT 15:43

केवल खुद में मस्त रहो, दूसरों की ज्यादा सोचोगे तो बेवकूफ ही बनोगे...

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16 DEC 2021 AT 12:04

औलाद के लिए बाप कभी बूढा नहीं होता
और माँ के लिए औलाद कभी जवान नहीं होती।।

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15 NOV 2021 AT 21:37

जिस कल की चिंता में "आज" खराब कर रहा हूँ।
वो कल आज की सोच से बेहतरीन होगा।।

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16 OCT 2021 AT 18:52

जिंदगी फ़िल्टर वाली फ़ोटो की तरह खूबसूरत दिखती है पर है नहीं...

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10 OCT 2021 AT 16:14

नाम छप्पनिया अकाल था
मरने वाला भूखा कंकाल था।
खाना पेड़ो की सूखी छाल था
वो ह्रदय विदारक साल था।।

सूख गया जल, जमीं का रंग लाल था
दुःख में साथ खड़ा खरवा राव गोपाल था।
हर संकट में जो लोगो की ढाल था
देखा नहीं गया जिससे, वो दर्द बड़ा विकराल था।।

बेच दिया हर कण अपना था
वो गढ़, वो रानी का गहना था।
बस भूख से ना किसी का मरना था
उसके तो सबका दर्द अब अपना था।।


गढ़ के खजाने खाली होने का नहीं,
बस्तियां खाली होने का गम था।
मरते दम तक, भार सह सके लोगो के दुखों का, महाराणा जितना दम था।।

यह ना कोई शस्त्र का रण था
यह तो अन्न की कमी का मरण था।
ना कोई भूखा मरे, ठाकुर का वचन था
समर्पित जनता को तन,मन,धन था।।

नाम छप्पनिया अकाल था
मरने वाला भूखा कंकाल था।
खाना पेड़ो की सूखी छाल था
वो ह्रदय विदारक साल था।।

सूख गया जल, जमीं का रंग लाल था
दुःख में साथ खड़ा खरवा राव गोपाल था।।

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8 OCT 2021 AT 23:23

जहाँ शिकायतें हो हजार, वहाँ कभी नहीं होता प्यार

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1 OCT 2021 AT 14:51

मैं..
मैं हूँ।
तो तू मेरी परछाई है।।
मैं बुराई
तो तू मेरी अच्छाई है।।

मैं झूठ
तो तू मेरी सच्चाई है।।
मैं फ़क़ीर
तो तू मेरी सच्ची कमाई है।।

मैं निराशा
तो तू आशा है।।
मैं मौन
तो तू मेरे दिल की भाषा है।।

मैं अँधेरा
तो तू सवेरा है।।
मैं सहमा
तो तू पहरा है।।

✍️✍️AmitPrajapati0505ajmer





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14 AUG 2021 AT 16:24

अनजाना डर सता रहा है।
सहमा है आज, ना जाने किस डर से
इसे आनेवाला कल आँखे दिखा रहा है।।

करना क्या है, यह नहीं पता हमें।
जाने क्या होगा यह नहीं पता हमें।
फिर भी ना जाने क्यों डरा रहा है।

सहमा है आज, ना जाने किस डर से
इसे आनेवाला कल आँखे दिखा रहा है।।

अच्छे को बुरा खा रहा है।
ज़ख्म को अब मरहम खा रहा है।
रोशनी को अंधेरा खा रहा है।

सहमा है आज ना जाने किस डर से
इसे आनेवाला कल आँखे दिखा रहा है।।

विश्वास को धोखा खा रहा है।
मजबूरी को मौका खा रहा है।

सहमा है आज ना जाने किस डर से
इसे आनेवाला कल आँखे दिखा रहा है

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14 AUG 2021 AT 13:59

हो सकता है यह बात आखिरी हो
हुवी जो मुलाकात आखिरी हो
तेरे संग बीती जो रात आखिरी हो
भीगा जो तेरे संग वो बरसात आखिरी हो

मौत का क्या भरोसा मेरे यार
ली जो सांस आखिरी हो
पहना जो लिबास आखिरी हो
जीवन की आस आखिरी हो

मौत का क्या भरोसा मेरे यार
जी रहा हूं जो दिन आखिरी हो
हुआ जो मिलन आखिरी हो
खाया जो अन्न आखिरी हो

मौत का क्या भरोसा मेरे यार
लिख रहा हूं जो जज्बात आखिरी हो
आज की यह बात आखिरी हो
तेरा मेरा साथ आखिरी हो।

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9 AUG 2021 AT 0:53

सोचू तो रात भी ना गुजरे
ना सोचू तो जिंदगी भी गुजर जाती है।

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