केवल खुद में मस्त रहो, दूसरों की ज्यादा सोचोगे तो बेवकूफ ही बनोगे...
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मैं तो बस दिल में उमड़े शब्दों को कागज पर सज... read more
औलाद के लिए बाप कभी बूढा नहीं होता
और माँ के लिए औलाद कभी जवान नहीं होती।।-
जिस कल की चिंता में "आज" खराब कर रहा हूँ।
वो कल आज की सोच से बेहतरीन होगा।।-
नाम छप्पनिया अकाल था
मरने वाला भूखा कंकाल था।
खाना पेड़ो की सूखी छाल था
वो ह्रदय विदारक साल था।।
सूख गया जल, जमीं का रंग लाल था
दुःख में साथ खड़ा खरवा राव गोपाल था।
हर संकट में जो लोगो की ढाल था
देखा नहीं गया जिससे, वो दर्द बड़ा विकराल था।।
बेच दिया हर कण अपना था
वो गढ़, वो रानी का गहना था।
बस भूख से ना किसी का मरना था
उसके तो सबका दर्द अब अपना था।।
गढ़ के खजाने खाली होने का नहीं,
बस्तियां खाली होने का गम था।
मरते दम तक, भार सह सके लोगो के दुखों का, महाराणा जितना दम था।।
यह ना कोई शस्त्र का रण था
यह तो अन्न की कमी का मरण था।
ना कोई भूखा मरे, ठाकुर का वचन था
समर्पित जनता को तन,मन,धन था।।
नाम छप्पनिया अकाल था
मरने वाला भूखा कंकाल था।
खाना पेड़ो की सूखी छाल था
वो ह्रदय विदारक साल था।।
सूख गया जल, जमीं का रंग लाल था
दुःख में साथ खड़ा खरवा राव गोपाल था।।-
मैं..
मैं हूँ।
तो तू मेरी परछाई है।।
मैं बुराई
तो तू मेरी अच्छाई है।।
मैं झूठ
तो तू मेरी सच्चाई है।।
मैं फ़क़ीर
तो तू मेरी सच्ची कमाई है।।
मैं निराशा
तो तू आशा है।।
मैं मौन
तो तू मेरे दिल की भाषा है।।
मैं अँधेरा
तो तू सवेरा है।।
मैं सहमा
तो तू पहरा है।।
✍️✍️AmitPrajapati0505ajmer
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अनजाना डर सता रहा है।
सहमा है आज, ना जाने किस डर से
इसे आनेवाला कल आँखे दिखा रहा है।।
करना क्या है, यह नहीं पता हमें।
जाने क्या होगा यह नहीं पता हमें।
फिर भी ना जाने क्यों डरा रहा है।
सहमा है आज, ना जाने किस डर से
इसे आनेवाला कल आँखे दिखा रहा है।।
अच्छे को बुरा खा रहा है।
ज़ख्म को अब मरहम खा रहा है।
रोशनी को अंधेरा खा रहा है।
सहमा है आज ना जाने किस डर से
इसे आनेवाला कल आँखे दिखा रहा है।।
विश्वास को धोखा खा रहा है।
मजबूरी को मौका खा रहा है।
सहमा है आज ना जाने किस डर से
इसे आनेवाला कल आँखे दिखा रहा है
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हो सकता है यह बात आखिरी हो
हुवी जो मुलाकात आखिरी हो
तेरे संग बीती जो रात आखिरी हो
भीगा जो तेरे संग वो बरसात आखिरी हो
मौत का क्या भरोसा मेरे यार
ली जो सांस आखिरी हो
पहना जो लिबास आखिरी हो
जीवन की आस आखिरी हो
मौत का क्या भरोसा मेरे यार
जी रहा हूं जो दिन आखिरी हो
हुआ जो मिलन आखिरी हो
खाया जो अन्न आखिरी हो
मौत का क्या भरोसा मेरे यार
लिख रहा हूं जो जज्बात आखिरी हो
आज की यह बात आखिरी हो
तेरा मेरा साथ आखिरी हो।
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