सच्चाई ईमानदारी लिये घूमता रहा बाजारों में
सुबह से हो गई शाम कोई खरीदार ना मिला
चाहत तो थी मेरी आसमां को छू जाने की
मगर मेरे मुताबिक मुझे कोई किरदार ना मिला ।
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है वतन को नाज तुम पर जो बलिदानी हो गये
खाकर तुम सीने में गोली स्वाभिमानी हो गये
इस वतन पर चाहे जब भी कोई संकट आया
लेकर अपना फौलादी सीना सरहद पर डट गये ।
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तेरे प्यार की खुशबू मेरे दिल में समायी है,
कहीं भी रहूँ मैं हरपल तेरी याद आई है ।
रात भर जागता रहा, ख्वाब बुनता रहा
जब से केशो को मेरे तू सहलाई है ।-
नव वर्ष की शुभ बेला पर मन हर्षित हो जाता है
जब कोई अपना आकर हमको गले लगाता है ।
जब नयन नम हो जाते हो, किसी दुःख वेदनाओं से,
जब हूक हृदय में उठती हो, किसी अपने को खो जाने से,
जब हृदय छिन्न हो जाता हो, अपनो के आघातों से,
जब नींद हमारी खो जाती हो, किसी अपनों की यादों में,
उस पल तब कोई आकर, यदि जीवन रंगमय कर जाता है,
तब हृदय तृप्त हो जाता है दिल झूम झूम कर गाता है,
जब कोई अपना आकर हमको गले लगाता है ।
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें
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जन्मदिवस की बहुत बधाई
तुम्हें मुबारक फूलों का हार,
महक जीवन में फूलों सी आये ,
शुष्क हुई कलियाँ खिल जाये,
दुःख क्लेश निकट न आये,
झोली खुशियों से भर जाये,
हर पथ तेरा रोशन हो जाये,
हर मंजिल तुझको मिल जाये,
ईश्वर करे कल्याण तेरा ,
खुशियों भरा हो तेरा सबेरा ।।
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कीमत साहिल की बढ़ जाती है मौजो से लड़ने के बाद
मंजिल की कीमत बढ़ती है राह कठिन चलने के बाद
अपनों की कीमत होती है ठोकर गैरों से खाने के बाद
प्यार की कीमत बढ़ जाती है कुछ देर तन्हा होने के बाद
पानी की कीमत होती है ऋतु ग्रीष्म आ जाने के बाद
हर चीज की कीमत घटती है एक बार पा जाने के बाद-
देखो दिवाली आयी है मन में मस्ती छाई है
दीपक की किरणों से चहुँ ओर रोशनी छाई है
अंधकार को भगाना उम्मींद का दीप जलाना है
एक दीपक की लौ से हृदय में रोशनी लाना है
पर्व मधुर मिलन का है सबको गले लगाना है
यथोचित बड़े-छोटे का स्नेह आशीष पाना है
जब तक दीपक जलता है वो अंधकार हरता है
खुद तो वो जलता पर हममे रोशनी भरता है
दीपक की हर किरण को तुम मन में भर लेना
अपने अंतर्मन को भी तुम प्रकाशमय कर लेना
जले तुम्हारे लिए जो तुम उसमे तेल भर देना
कोई हवा आये तो तुम दीपक को ढक लेना
कुछ क्षण हाथ जलेगा उसको तुम सह लेना
फिर होगा पथ रोशन तेरा मंजिल तू छू लेना
दीपक जैसे जलोगे तो सुखद अनुभूति आयेगी
मन हर्षित होगा तेरा फिर रोज दिवाली आयेगी
दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
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जब तक दीपक जलता है वह प्रकाश करता है
जीवन के हर पथ को वह रोशनमय करता है ।
लक्ष्य है उजियारे के लिए स्वयं को जला देना
हर राह को प्रकाशमय कर अंधकार मिटा देना ।
दीपक की क़ुर्बानी से कुछ तो सीखो यार मेरे
रोशन जग कर जाओ तुम्हें जहाँ का प्यार मिले ।
तेरे जलने से यदि कोई अंधकार मिट जाता है
किसी और का जीवन प्रकाशमय हो जाता है ।
जलने में फिर देर न कर तू पथ रोशन कर दे
किसी अंधकारमय जीवन को तू प्रकाशमय कर दे ।
दिपावली की हार्दिक शुभकामनाएं-
आप सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
हिन्दी भारत माँ के चेहरे की मुस्कान है ।
हिन्दी अपने हिन्द की प्यारी पहचान है ।।
हिन्दी सुहागन के माथे की बिंदी होती है ।
बिन हिन्दी के हर कहानी अधूरी होती है ।।
हिन्दी बिन न होती अपनी सुबह, शाम ।
हिन्दी में हर हिंदू जपे अपने प्रभु का नाम ।।
हिन्दी में ही आते हैं ज्यादा न्यूज प्रचार ।
हिन्दी में ही आते हैं सब फिल्म चित्रहार ।।
हिन्दी की अपनी एक विशिष्ट पहचान है ।
हिन्दी में नग्में सुन कर आती मुस्कान है ।।
हिन्दी के बिन होता नहीं अपना दिन पूरा ।
बिन हिन्दी के मुझको लगता जीवन अधूरा ।।
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है नियत में खोट तो पूजा का फल मिलता नहीं
लाख कर लो तुम तपस्या ईश्वर खुश होता नहीं ।
चाह कर भी तुम कभी न लांघ पायोगे ये पर्वत
बिन ईश्वर की मरजी से पत्ता भी हिलता नहीं ।
चोरी, बेईमानी, लूट करके बन गये हो अमीर
खाकर किसी का हिस्सा, नसीब बदलता नहीं ।
मत बिखेरो नाजुक बीजों को सहरा की रेतों पर
तेज गर्म और शुष्क हवा में अंकुर निकलता नहीं।
तुम कभी घबराना नहीं,प्रतिकूल परिस्थितियों में
बिना घिसे हीरा कभी भी तेज चमकता नहीं ।
दया, क्षमा, शील रख, प्रभु करेगा पथ रोशन
क्रोध का निष्कर्ष कभी अच्छा निकलता नहीं ।
प्यार के जलते दीपक को हाथों से ढक कर रखना
तन्हा दिल में अक्सर देखो उजास मिलता नहीं ।
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