विचारों और कर्मों के बीच का युद्ध कहीं अधिक पीड़ादायक होता है, क्योंकि आप एक बार में किसी एक को ही संभाल पाते हो। अगर आप किसी विचार में डूबे तो उसकी गहराई की कोई सीमा नहीं है और अगर कर्मों के युद्ध में फंसे तो विचार करने के लिए समय नहीं है क्योंकि लक्ष्य प्राप्ति तक कोई और विचार ही नहीं आते।
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दिल में जगह बना लिए तो रिश्ते ताउम्र निभाएंगे... अगर दिमाग में जगह बना लिए... read more
नवजात के आने की हर्षोल्लास
और बचपन की नादानी को देखो।
बिखरती हुई जवानी
और टूटते हुए सपनों को देखो।
ज़िंदगी की कशमकश में आग-सी फैलती हुई अफवाहें
और भगदड़ से बनी लाशों की क़तार को देखो।
लाठी के सहारे बुढ़ापे के दर्द
और मृत शैय्या से पहले अपने-अपने जीवन के मंज़र को देखो।
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अकेलेपन में आपका मनोभाव ही आपके लक्ष्य के प्रति साथी और पृथक होता है।
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हम अपनी ज़ज़्बात तो लिख ना सके,
तो भला अपनी तकलीफ़ क्या सुनाएं!-
ऐ दोस्तों! तुम मेरी जिंदगी की सबसे हसीन यादों में से एक हो,
जिसे कोई दिलरुबा इसकी जगह ले नहीं सकती!
और यह जो हमने बिताए हैं अपनी ज़िंदगी के 4 साल,
इससे बेहतरीन कोई किताब हो नहीं सकती!!
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Targets are always simple. Because they are the imagination of our mind. Our efforts to achieve make them bigger. Thus how effectively and patiently you have done your KARM is your destiny.
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मेरी ज़िंदगी से एक शिकायत थी कि खुद को समझाना और संभालना बहुत ही मुश्किल काम है पर वक्त ने उस शिकायत को भी दूर कर दिया।
"ख़ुद को ढूंढते-ढूंढते हम इस क़दर उलझे कि वक्त ने ख़ुद को संभालना सीखा दिया।"
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कई हसीन यादें सिमट कर रह गई हैं,
हां भले वह रुलाएगा पर चेहरे पर हंसी जरूर लायेगा।
यह वादा है हमारा कि फिर मिलेंगे कल,
वह किरदार अलग होगा पर अंदाज़ वही पुराना होगा॥
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ना किस्मत साथ दे रही है औ' ना ही वक़्त अपनी करवटें बदल रही है,
पर आसमां को पार पाने की ज़िद हर दिन मज़बूत हो रही है!-