अपने सारे सपनों को अब टूटते देखा है
सजी महफिल में आंखों को नम होते देखा है
ना जाने कैसी है तकदीर मेरी
खुशियों को दरवाजे से लौटते
दिखा है
अमित आरोही-
Don't choose a perfect man
Otherwise he will spent his time
With you to prove himself।
Amit arohi-
खुद से ना हारना कभी
इश्क में कौन जीता है
सब खेल नजरों का है
ये इश्क तो बस एक बहाना है
अमित आरोही-
बेवफा बहुत है मगर
वफा करने वाले भी कम नहीं
इश्क बिखर गया है वक्त के साथ
मगर सच्चे आशिकों की कमी नहीं
अमित आरोही-
सजाते रहो सपने उस बेवफा के
जिसने तुम्हें रुलाया है
कहते थे जिसे हर पल अपना
उसी ने तुम्हें आज सबक सिखाया है।
अमित आरोही-
वक्त बदलेगा जज्बात बदलेंगे
चाहत इश्क ख्वाब बदलेंगे
इश्क ये झुकेगा नहीं
भले ही हालात बदलेंगे।
अमित आरोही
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वक्त बदलेगा जज्बात बदलेंगे
चाहत इश्क ख्वाब बदलेंगे
इश्क ये झुकेगा नहीं
भले ही हालात बदलेंगे।
अमित आरोही
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*कलम तो हम हर दिन चलाते हैं*
*मगर तुम मेरे शब्दों की कीमत ना समझ पाए*
Amit— % &-
*खो गए थे कुछ पल के लिए तेरे नजर में*
*फिर से डूब गया अब खामोशी के लहर में*
Amit— % &-
💔प्यार में आज उन्हें भी हारे है💔
💔जो कहते थे हम सिर्फ तुम्हारे है💔
Amit Sharma— % &-