किताबें भी बिलकुल मेरी तरह हैं,
अल्फ़ाज़ से भरपूर,मगर ख़ामोश.-
Amit Kumar
(Amit kumar)
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Joined 11 May 2018
22 APR 2022 AT 19:22
मंज़िल मेरे क़दमों से अभी दूर बहुत है.
मगर तसल्ली ये है,कि कदम मेरे साथ हैं.-
22 APR 2022 AT 19:00
अपने मिशन में कामयाब होने के लिए आपको,
अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा.-
21 APR 2022 AT 9:31
मुख़ालफ़त से मेरी शख्सियत संवरती है,
मैं दुश्मनों का बोहोत एहतराम करता हूँ.-
10 OCT 2021 AT 15:04
अगर बे-एब चाहते हो तो फ़रिश्तों से रिश्ता कर लो,
मैं इंसान हूँ और ख़ताएं मेरी विरासत है.-
1 OCT 2021 AT 9:20
सफलता की लड़ाई अकेले ही लड़नी पड़ती है,
सैलाब उमड़ता है जीत जाने के बाद.-
29 SEP 2021 AT 8:54
ये मोहब्बत की कहानी नहीं मरती लेकिन,
लोग किरदार निभाते हुए मर जाते हैं.-
29 SEP 2021 AT 8:53
चमन में रखते हैं काँटे भी इक मक़ाम ऐ दोस्त,
फ़क़त गुलों से ही गुलशन की आबरू तो नहीं.-
27 SEP 2021 AT 9:35
तुमने सुलुक मेरी उम्मीद के ख़िलाफ़ कीया,
अब मैं बदला लेता हूँ,जाओ तुम्हें मुआफ़ कीया.-