सोचता हूँ क्या लिखूं,
क्या मे तुमको कहूँ,
मेरा कितना हक़ हैं तुमपे,
कितना तुमको कह सकूँ।
कितनी बातें, तुमसे करूँ,
कितना तुम बिन रहूँ।
अपनी हर बातों मे,
कितना तुम्हारा जिक्र करूँ।
कितने पल याद करूँ,
कितनी यादें दिल मे रखूँ,
तुम्हे सामने पाके मे,
अपने को खुशनसीब समझूँ।
तुम मुझे चाहे भूलो,
तुम्हे हर पल याद करूँ,
तुम्हारे गुस्से को भी मे,
प्यार की सौगात समझूँ।
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