तुने कहाँ था ना जो उसे महसूस कर लिया, ख्वाबों के टूटे शीशो को फ़ानूस कर लिया, यूँ तो थोड़े ही जख्म मुझे दिए थे तुने, हमने ही उन्हें खोद खोद नासूर कर लिया ||
नाकाम था मैं तब जब की मेरे पास में न काम था, सुकून न थी जिंदगी में, पर बहुत आराम था, हालात थे पहले के ये, हालत अभी कुछ और है, अब सुकून में है जिंदगी, पर जिंदगी अब दौड़ है।।
दिल ही दिल में हर अरमान को संजो लिए हमने, आंसुओं के मोतियों को भी पिरो लिए हमने, तेरे बिन यह जीवन जो यूँ सूखा पड़ा हुआ था, पलकों को मुस्कुराहटो से भिगो लिए हमने ॥.
तू वह पैगाम जिंदगी का है, जो कभी मिला नहीं, तू वह अंजाम जिंदगी का है, जो कभी हुआ नहीं, तू दोस्ती, तू दुश्मनी, तू प्यार, तू ही नफ़रत है, तू वो जजबात जिन्दगी का है, जो कभी जुदा नहीं ||
Tumne kabhi kaha na tha, maine kabhi suna na tha, Hum dono ke darmiyan, kabhi bhi kuch chupa na tha, Kitna asaan hota agar, mana jo sach hota agar, Hamara to socha hua, kabhi bhi sach hua na tha....