Amit Kumar   (Ami1516)
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Joined 15 April 2019


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Joined 15 April 2019
4 OCT 2024 AT 22:18

भरी भीड़ में तन्हापन महसूस करता हूं,
नजदीकियों में भी थोड़ी दूरी महसूस करता हूं।
तेरे उन एहसासों से लड़ता हूं, जिनमें नहीं मैं,
दो पल के रिश्तेदारों को महसूस करता हूं।

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19 SEP 2024 AT 22:57

पन्ने उलटते उंगलियां थक गई,
एक मौका दो, आपकी अंखियां पढ़ लें।

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19 SEP 2024 AT 15:57

यूं महज ये जिंदगी बेबस सी लगने लगी,
कुछ अच्छे भले ही थे, अपनों के बीच में।
बेचैन मन अब दीवारों में ढूंढा करती हैं,
उन एहसासों को जिन्हे वो बहुत पीछे छोड़ आया।।

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19 SEP 2024 AT 10:42

Life reward those who is ready to self secrifices...

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18 AUG 2023 AT 1:15

जरूरी तो नहीं, तुम जिनके हो वो तुम्हारा हो।
जरूरी तो नहीं, तुम बिन उनका भी न गुजरा हो।
उस तड़पन से निपटकर, बुलंद करो खुद को।
वो समंदर बनो तुम, न जिनका कोई किनारा हो।।

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16 AUG 2023 AT 14:52

Life is all what
that take you to your soul.

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17 JUL 2023 AT 23:47

पहली-दूसरी जैसे कोई,
चाहत कैसे होती है,
जिसे भूलकर जिया भी ना जाए,
मोहब्बत वैसे होती है।

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19 JUN 2023 AT 12:54

वो आईने में उतारते गये उनको,
पर ये भूल कर बैठें,
जैसे उनके चेहरा का कोई
प्रतिबिम्ब नहीं बनता।।

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29 MAY 2023 AT 8:12

अब तो गैरों में कुछ ज्यादा ही अपनापन है,
अपने तो बस कहने को रह गए हैं।

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21 APR 2023 AT 15:19

jindagi ka ye safar, lagta to aasan nhin.,
jo ruk jaye tut karke, samajhlo wo insaan nhin,
matlab ki hai ye duniya, riste aur naate bhi,
na hota thoda kukarm agar, kyun kehlate bhagwan nhin..

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