Amit Jha   (Naadan.parindey)
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कवि
Joined 9 October 2020


कवि
Joined 9 October 2020
22 MAY 2023 AT 18:47

हो व्याकुल मन व्यवधानों से पर आँख कभी ना मीचेंगे,
मिटी हुई उस किस्मत की रेखा को अपने कर्मों से खींचेंगे,
बंजर सी इस धरती को फिर अपने जज्बे से सींचेंगे,
गम पुनः दिनों में बीतेंगे,पल हारने वाला जीतेंगे...✍️

-आत्मरचित
कवि की कलम से...✍️🙏🇮🇳
अमित कुमार झा


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19 JAN 2023 AT 9:10

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30 APR 2022 AT 22:17

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20 MAR 2022 AT 10:14

दूर भले ही हों कितने भी दिल से फिर भी पास है,
ख़्वाब जो देखे थे हमने बस सच करने का प्रयास है,
हमने जिसको चाहा है अब मिलने का विश्वास है,
भगवान करे सब सच हो जाये यही अभी बस आस है..✍️

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7 JAN 2022 AT 3:00

"संघर्ष"
संघर्ष पटल पर भिन्न-भिन्न,जो तोड़ रहे थे छिन्न-भिन्न ,
तैयार थे हम भी द्वंद्वों की खातिर रसवेदन के लेकर चिन्ह-चिन्ह,
समर भी भारी विपत भरा,रिपु झेल रहा था वारों को ,
निज सेना भी कमजोर नहीं,जो ठेल रही दीवारों को,
अस्त्र जो छाती चीर रहे और शस्त्र पराक्रम दिखा रहे थे,
देख के लगता मानो ऐसा रक्तों की नदियाँ बहा रहे थे,
युद्ध बड़ा ही भीषण था सोचा जीत कहाँ तक जाएगी,
कब्र खुदेगी इन्हीं रणों में या फिर विजय ध्वजा लहरायेगी...✍️

-आत्मरचित
अमित कुमार झा
कवि की कलम से✍️🙏🇮🇳

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24 DEC 2021 AT 10:09

इतना भी क्या दर्द दिलों में ,क्यों इतनी यह तड़पन है,
क्या था वो और क्यों बिछड़ा क्या यही तुम्हारी उलझन है..✍️

-आत्मरचित

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23 DEC 2021 AT 8:38

शब्द लिखें क्या उसकी महिमा हो तान सजी झंकार में
क्या लिख दूँ जो खुद गाती हो छन-छन यूँ श्रृंगार में..✍️

-आत्मरचित✍️🙏🇮🇳🙂

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12 DEC 2021 AT 21:42

है शोक हमे मन बेबस है,
कुछ शंका है कुछ तो शक है।
दिल टूटा है पर हिम्मत है,
तन पीड़ित है पर रंगत है।
बिन बात के कोई बैर नहीं,
पर लिप्त मिले तो खैर नहीं।
जो चला गया वो वीर था,
दुश्मन के लिए शमशीर था।
मुख शब्द चढ़े पर मौन हूँ मैं,
उस वीर का लगता कौन हूँ मैं।
मन भंवर उठा वह सपना था,
जो अमर हुआ वह अपना था...✍️
-आत्मरचित
कवि की कलम से✍️🙏🇮🇳
"अमित कुमार झा"

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3 DEC 2021 AT 8:57

न ताज माँगता हूँ न तख्त मांगता हूँ,
इंसान हूँ बेचारा में वक्त मांगता हूँ।
न जीत माँगता हूँ न हार माँगता हूँ,
इंसान हूँ बेचारा संसार माँगता हूँ।
न छाया माँगता हूँ न चित्र माँगता हूँ,
इंसान हूँ बेचारा में मित्र माँगता हूँ...✍️

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3 DEC 2021 AT 8:39

Look straight,Not backward,
Be straight,Go forward.✍️

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