Amit Jain   (काव्य अमित ✍️)
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उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए...❤️
Joined 21 May 2020


उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए...❤️
Joined 21 May 2020
3 AUG AT 0:32

कितने ही मौलवी हलाला का प्रचार करे,
देखा ना विरोध किंतु किसी समाचार में।
हिजाब है, जिहाद है, हजारों अवसाद हैं,
एक भी आवाज नहीं उठी प्रतिकार में।
हिंदुओं के संत संस्कार का प्रसार करें,
तहलका मचा, चरित्रहीनों के बाजार में।
चार चार गर्लफ्रेंड, चार चार बॉयफ्रेंड,
कदापि अंगीकार नहीं हिन्दू संस्कार में।

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12 JUN AT 23:38

रोती हुई आवाज में यह कह रहे हैं लब,
ना जाने किस अपराध से रूठे हुए हैं रब,
उड़ने का कहकर तुम तो आसमां में चल दिए,
इतना तो बता दो कि लौटोगे पुनः कब..!

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12 JUN AT 23:37

रोती हुई आवाज में यह कह रहे हैं लब,
ना जाने किस अपराध से रूठे हुए हैं रब,
उड़ने का कहकर तुम तो आसमां में चल दिए,
इतना तो बता दो कि लौटोगे पुनः कब..!

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12 JUN AT 23:36

रोती हुई आवाज में यह कह रहे हैं लब,
ना जाने किस अपराध से रूठे हुए हैं रब,
उड़ने का कहकर तुम तो आसमां में चल दिए,
इतना तो बता दो कि लौटोगे पुनः कब..!

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12 JUN AT 23:36

रोती हुई आवाज में यह कह रहे हैं लब,
ना जाने किस अपराध से रूठे हुए हैं रब,
उड़ने का कहकर तुम तो आसमां में चल दिए,
इतना तो बता दो कि लौटोगे पुनः कब..!

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12 JUN AT 23:36

रोती हुई आवाज में यह कह रहे हैं लब,
ना जाने किस अपराध से रूठे हुए हैं रब,
उड़ने का कहकर तुम तो आसमां में चल दिए,
इतना तो बता दो कि लौटोगे पुनः कब..!

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12 JUN AT 23:35

रोती हुई आवाज में यह कह रहे हैं लब,
ना जाने किस अपराध से रूठे हुए हैं रब,
उड़ने का कहकर तुम तो आसमां में चल दिए,
इतना तो बता दो कि लौटोगे पुनः कब..!

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7 JUN AT 0:59

महादेव ने माधव दिए, माधव ने महादेव,
दोनों के दरबार में सेवक रहूं सदैव।

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10 MAY AT 20:49

मोदी जी कैसा युद्ध विराम !

सेना का यशगान गूंजता जब लाहौर की वादी में,
भारत का ध्वज लहराता, पाकिस्तानी आबादी में,
पुलवामा की मृत आत्मा का तर्पण अभी हुआ ना था,
मां के चरणों में दुश्मन का अर्पण अभी हुआ ना था।
रक्त उबलता वीरों का, तुम कहते बंद संग्राम,
मोदी जी कैसा युद्ध विराम !

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7 MAY AT 16:27

"सिंदूर की पुकार"

मांग का सिंदूर लेकर बारूदों के बम बनाओ,
सप्तपदी की अग्नि से आतंकियों के घर जलाओ,
भारती के किरीट की सौगंध भारतवासियों को,
जातियों में मत बंटों प्रतिशोध की अग्नि जलाओ।
छब्बीस चिताओं की मुखाग्नि चीखकर यह कह रही है
दानवों का रक्त हो अब हिन्द की तलवार पर...

विगत दिनों पहलगाम हमले में अपने पतियों को खोने वाली नवविवाहित भारतीय नारियों की पुकार पर लिखे गीत की उक्त पंक्तियां आज सार्थक हो गई।

जय हिन्द जय हिन्द की सेना 🇮🇳

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