Amit इलाहाबादी  
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Joined 27 March 2024


Joined 27 March 2024

ना जानें ऐसी क्या बात थी की,
जब जरुरत थी,
कोइ आपने की,
ना कोइ साथ थी।

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तेरी मोहब्ब्त में,
हम इस कदर मर जाए।
की तेरी याद आये तो
तेरी गली से गुजर जाये।

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क्या ज़िंदगी के इस मोड़ पर भी ,
अब ये जताना होगा ।
हम कितना प्यार करते है आप से ,
क्या अब भी आप को बताना होगा।
हमें तो चुपिय्या और खामोशियां बयां कर देते है,
दिल-ए-हाल आप की।
क्या हम को अब भी कहं कर बताना होगा ।
तुम कितनी ख़ास हो मेरे लिए,
ये शब्दों में बया कर पाना मुस्किल है अब मेरे लिए।
क्या अब भी मुझे इस शब्दों में लिख कर बतानी होगा,
कितना प्यार है आप से अब भी जताना होगा।
तुम्हारा यू नाराज़ हो जाना ,
सांवला है मुझ पर मेरे लिए।
कि क्या कमी रह गई,
मेरे प्यार में तेरे लिए।
कि क्या कमी रह गई ,
मेरे प्यार में तेरे लिए.......

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कोई रूठें तो मना लेना ।
बस हंस के यू मुस्कुरा लेना।
उन बातों को भुला लेना ।
गीत प्यार के गुनगुना लेना ।

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हां ,थीं जो तमन्ना और तड़फ ,और भी बेशुमार होती जा रहीं।
हां ,ना जाने क्यूं अब ये और भी बेकरार होती जा रही है।

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ना कोई शायर हूं ना कोई लेखक।
मैं तो तेरे प्यार में बस कायल हूं।
उस के दाम पर लिखता,
तेरी अदाओं का घायल हूं।

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फूलों सा मुस्कुराया कारों,
हम जैसे दुःख देने वाले कांटे बहुत है।☺️

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क्यों आईं ही थीं तुम, जब जाना ही था ।
क्यों सताई ही थीं तुम, जब जाना ही था
क्यों मुस्कुराईं ही थी तुम, जब जाना ही था
क्यों ख्वाबों में तुम आई ही थी, जब मिट जान ही था
क्यों धड़कनों को इतना तेज कर आईं ही थी, जब रुक जाना ही था
क्यों भला क्यों.....

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तेरा इंतराज करते - करते सुबह से शाम हुआ ,
दिल बेशुमार बेकरार हुआ,
अब तो आ जाओ ना ,
यू ना अब सताओ ना।

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मैं ख्वाइशों के दिल-ए-जाल ब़ुनता जाऊ।
तुम आशमा के सितारों सा चमकाती रहो ।
मैं लाख तमन्ना करू तुम्हे पाने का।
पर फिर, भी तुम रेत सी फिसलती रहो।

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