क्या ज़िंदगी के इस मोड़ पर भी ,
अब ये जताना होगा ।
हम कितना प्यार करते है आप से ,
क्या अब भी आप को बताना होगा।
हमें तो चुपिय्या और खामोशियां बयां कर देते है,
दिल-ए-हाल आप की।
क्या हम को अब भी कहं कर बताना होगा ।
तुम कितनी ख़ास हो मेरे लिए,
ये शब्दों में बया कर पाना मुस्किल है अब मेरे लिए।
क्या अब भी मुझे इस शब्दों में लिख कर बतानी होगा,
कितना प्यार है आप से अब भी जताना होगा।
तुम्हारा यू नाराज़ हो जाना ,
सांवला है मुझ पर मेरे लिए।
कि क्या कमी रह गई,
मेरे प्यार में तेरे लिए।
कि क्या कमी रह गई ,
मेरे प्यार में तेरे लिए.......
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