Amit Hirpara   (Lafzo_me_zindagi)
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Joined 10 March 2018


Joined 10 March 2018
26 JUN AT 19:10

अविरत राह फिर भी थोड़ा चंचल मन,
जीवन है सुंदर, ये है सच नहीं कोई भ्रम।

इस प्रवाह के भीतर छुपी ही है कहीं वाह,
स्मित है आविष्कार, उसके सहारे ढूढ़ो नई राह।

सब अविरत, रुकेगी नहीं यहा किसी की गति,
सफलता है मंज़िल, बस काबु में रखो अपनी मति।

कंकर कहीं होंगे तो, कहीं न कहीं फ़ूलों सी माया,
जीवन है सुंदर, इस प्रवाह में डूबा लो अपनी काया।

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26 JUN AT 9:52

परिस्थितियाँ एसी होती ही क्यों है,
मुश्किलें हमारा रास्ता खोती क्यों नहीं।

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12 JUN AT 9:43

हार कभी न होगी प्यारी,
पर सिखाये वहीं तुम्हें दुनियादारी।

कोशिश करो तुम अब सारी,
सफलता शब्द से तुम्हें करनी है यारी।

अनुभव से सीख कर करो तैयारी,
मंजिल पर ही मिले तुम्हें सुकून सी भोर प्यारी।

अपने आप को पूजकर मिलेगी जीत प्यारी,
हौसले को खुद के भीतर से ही मिलेगी सच्ची यारी।

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7 JUN AT 20:59

बांटो तुम खुशी को चेहरे की मुस्कान से,
खरीद कर दाम थोड़ी देना है उसका किसी दुकान पे।

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5 JUN AT 14:42

दस्तक बन कर हर बार दिल तक आए हैं,
दस्तख़त कर दो हमसफर बनकर आयेंगे।

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4 JUN AT 18:37

मेरे ख्वाब से मिलती तुम्हारी रूह को कोई देख न ले,
छिपी तुम्हारी नजर हमे देख रही उस नजरों को कोई देख न ले।

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1 JUN AT 12:02

જાત સાથે વાતો દૂર સુધી નહીં કોઈ નાતો,
સ્મિત છોડી અંદર અંદર ઘૂંઘવાટ અનુભવતો.

પ્રીત ઝંખતોને અગણિત વિચારોથી દૂર ભાગતો,
વ્યકત થવા માં ખચકાટ એ અંદરથી અનુભવતો.

પરિસ્થિતિથી હારીને આવતી સ્થિતીને ગમાડતો,
તૂટે પળ પળ પણ ઈચ્છીને પણ રડી એ ના શકતો.

કેવો એ પોતાપણાના ભમરોમાં જાણે ખોવાય જતો,
એવી એ એકલતાને પળે પળ એ રોજ અનુભવતો.

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29 MAY AT 13:31

कहते तो सब हैं काम के साथ आराम कीजिए,
पर मजबूरी कहती हैं हमे के सिर्फ काम ही कीजिए।

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28 MAY AT 16:13

समझ गयें इस लंबी जीवन की छोटी सी उलझन तो प्रतिस्पर्धी है ही नहीं कोई यहां,
खुद ही के अंदर की आग में जल कर मिलते प्रकाश में जीने का "यज्ञ" ही है जीवन यहां।

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28 MAY AT 16:06

વાયરો ફૂંકાયો લાગણીનો,
સ્મિત રેલાય કોઈ ના મુખ દર્શનથી
વ્યથા લે નિર્માણ ભીતર જ્યારે ન હોય સમીપ એમની હાજરી.
મૌન એમનું ઘેરી રહ્યું મુજ અંતરની પરિસ્થિતિને.
વ્યક્ત થઈ પ્રીત સમા શબ્દોમાં જ સાચો ઉકેલ,
હવે માત્ર આ જ શબ્દોનો સહારો.

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