Amit Gupta   (Er. Amit Gupta)
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जज्बातो को कलम के सहारे कागज पे उतार के तो देखो,
दिल का बोझ हल्का ना हो जाये तो कहना..!!😊
Joined 15 May 2020


जज्बातो को कलम के सहारे कागज पे उतार के तो देखो,
दिल का बोझ हल्का ना हो जाये तो कहना..!!😊
Joined 15 May 2020
3 JAN 2023 AT 20:34

हर पल हर मौसम , मै रहूँ तुम्हारे पास,
कहती है ख्वाहिश मेरी, मैं सदा रहूँ तुम्हारे साथ।

सूबह कि लाली धुप में, हम हो धुप सेंकते साथ,
दिन भर तुम संग खेलूं, मै थामे रहूँ तुम्हारा हाथ,
रात तुम्हें बाहों में रखकर, तुम्हें सुलाउं अपने पास।

है शर्दी का मौसम अब, जब बाहों में तुमहें छुपा लूँ,
शर्दी तुमको सिहरा न पाये, ऐसे सीने से तुम्हें लगा लूँ।

जब मौसम बहारों का आये, तुमपे होली के रंग चढ़ाऊँ,
हूँ तुम्हारे ही रंगो में रंगा, पूरी दुनिया को बतलाऊँ।

हर पल हर मौसम, मै रहूँ तुम्हारे पास,
कहती है ख्वाहिश मेरी, मैं सदा रहूँ तुम्हारे साथ।

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28 NOV 2022 AT 20:29

You can lose something if you are not consistent with time
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Respect the time.

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11 SEP 2022 AT 23:35

एक गलती बहुत कुछ बदल देती है,
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फिर चाहे वो आपकी किस्मत हो या रिस्तों की डोर||



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10 SEP 2022 AT 23:24

Mushkil ho jata h apno me frq krna,
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Jb koi apna hi apno k liye frq kr deta hai||

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21 MAR 2022 AT 23:01

Ek Kiran ummid ki,
Ankho me basaye baitha hu,

Mn mchal rha use pane ko,
Dil ko Samjhaye baitha hu,

Hatho me hogi jb uski dor,
Ghumunga uske sath mai Charo or,
Ankho me honge mithe ashk,
Hotho me hogi ek pyari kasak,
Us pal ki chaht me baitha hu,

Ek Kiran ummid ki,
Ankho me basaye baitha hu -2.

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17 MAR 2022 AT 7:55

Us inshan se Mohabbat Karna roj Marne ke barabar hai,

Jise tumhare hone na hone se koi frq nhi padta!!

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16 MAR 2022 AT 23:58

कभी गौर तो कर अपनी गलतियों पर,

तेरे अपने फैसलों पर तेरी नजरें झुक जायेंगी।।

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3 MAR 2022 AT 23:38

एक तेरी ही ख्वाहिश है हमें,
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पूरी दुनिया किसने माँगी है!!

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27 FEB 2022 AT 1:16

In this year.....
I am trying to fulfill my own dreams,
but it would be very difficult for me..!!
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"Some times we compromise our dreams"
😶😶

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4 FEB 2022 AT 1:23

हर पल हर मौसम , मै रहूँ तुम्हारे पास,
कहती है ख्वाहिश मेरी, मैं सदा रहूँ तुम्हारे साथ।

सूबह कि लाली धुप में, हम हो धुप सेंकते साथ,
दिन भर तुम संग खेलूं, मै थामे रहूँ तुम्हारा हाथ,
रात तुम्हें बाहों में रखकर, तुम्हें सुलाउं अपने पास।

है शर्दी का मौसम अब, जब बाहों में तुमहें छुपा लूँ,
शर्दी तुमको सिहरा न पाये, ऐसे सीने से तुम्हें लगा लूँ।

जब मौसम बहारों का आये, तुमपे होली के रंग चढ़ाऊँ,
हूँ तुम्हारे ही रंगो में रंगा, पूरी दुनिया को बतलाऊँ।

हर पल हर मौसम, मै रहूँ तुम्हारे पास,
कहती है ख्वाहिश मेरी, मैं सदा रहूँ तुम्हारे साथ।

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