ज़िंदगी के इस छोटे सफ़र में
हज़ारों मुसाफ़िरों से मुलाक़ात होती है
पर एक ही हमसफ़र के साथ
सफ़र काटना अच्छी बात होती है-
कल पे सवाल है जीना फिलहाल है।
मैं पल दो पल का शायर हूँ।
पल दो पल मेरी... read more
जलाते हैं दीया, पर अँधेरा होता है
कुछ रातों का, कहाँ सवेरा होता है
अच्छा करना चाहो, तो बुरा होता है
बुरे लोगों के साथ, कहाँ बुरा होता है
ज़ख्मों पे मरहम से, ज़ख्म गहरा होता है
रेगिस्तान में कहाँ, कभी सहरा होता है
अक़्सर बेसहारों का, कौन सहारा होता है
जिसे अपना मानो, वो कहाँ हमारा होता है
जीत के भी अमि, ख़ुद से कितना हारा होता है
जमीं प्यासी रहती है, पहाड़ों पे फ़व्वारा होता है-
ख़ुद के रेशमी ज़ुल्फ़
उलझ के तंग हो जाते हैं उसके
जब से वो मासूम लड़की
अपनी बेटी को सँवारती है-
लगती है बुरी नज़र ज़माने से
सो वो मुझसे मिलती है ऐसे
जैसे कोई मिलता है बेगाने से-
वो कितने कपड़े सुखायेंगे
उन से तो सूरज भी डर जायेंगे
हर घण्टे अलग अलग पोशाक में आते हैं वो
धोते धोते उनके कपड़े,समंदर मीठे हो जायेंगे-
हम तुम पे ऐतबार कब तक करेंगे
हम तुम पे जाँ निसार कब तक करेंगे
घरवाले पीछे पड़ गयें है मेरी शादी को अमि
तुम्हारे इंतज़ार में सोमवार कब तक करेंगे-
रोज़े हम हर साल रखे जा रहे हैं
पर सालों से ईद नहीं मनायी है
मेरी गली में कहाँ चाँद आता है
अल्लाह खेल रहा छुपन छुपाई है-
तकदीर में तो तय है हमारा मिलना
पर तकदीर के भरोसे कब तक रहा जाये
हमारे निकाह में बहुत दूरी आ रही है
क्यों ना अल्लाह के लिए रोजे रखा जाये-
सफेद हो गयें बाल उसके
पर दिल उसका कभी काला ना हुआ
मुझे हासिल नहीं कर पायी वो
तो किसी और संग उसका वरमाला ना हुआ
Her hair turned white
but her heart never turned black
She could not get me
She could not be bride of anyone else
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अपनों को मना लो
पास जाओ बैठो
गीले शिकवे दूर कर लो
थोड़ा अहंकार को मारो
थोड़ा प्यार बाँटो
साँसे कीमती हैं बसर कर लो-