जय भारत
भारत माता तेरी जय जय कार,
मणियों की माला तेरे गले का हार।।
सोने की चिड़ियां कहलाती है मईयां,
सब कहते है बारंबार।।
जहां जाऊं सुनता हूं हे मईयां तेरी ही जय जय कार...
विश्व में प्रसिद्ध है बदरी-केदार,
काशी मंदिर है श्री विश्वनाथ,
अयोध्या, मथुरा, वृनदावन है राम धाम,
जहां भक्त जपते है राम नाम,
भारत देव भूमि है पूज्यवान
यहां जहां देखो सब जगह है भगवान
हे भारत माता तेरी जय जय कार.....
जय भारत-
आपके एक लाइक से अगर किसी को लिखने का way मिलत... read more
बाहर का खाना आप जितना मर्जी खा लो
पर मां के हाथों के खाने में जो स्वाद है
वो दूसरे किसी खाने में कहां.....
किस्मत वाले होते है वो लोग जिनके साथ उनकी मां होती है
क्योंकि आप पैसे से जो मर्जी वो खाना खरीद कर खा तो सकते हो
पर सारा पैसा खर्च करने के बाद भी वो स्वाद नहीं ला सकते कभी भी.... जो मां के हाथों में होता है।
आप सारा पैसा खर्च करने के बाद भी वो सुगंध वो प्यार नहीं ला सकते जो मां के द्वारा बनाए खाने में होता है।
Remember— % &-
एक ऐसा देश जहां हर थोड़ी दूर-दूर पर ही संस्कृति बदल जाती है, भाषा बदल जाती है रीति रिवाज बदल जाते है,
इतना ही नहीं लोगो की वेशभूषाएं यानी वस्त्र बदल जाते है।
ऐसा देश जहां इतनी अनेकता होने के बाद भी लोगों में एकता देखने को मिलती है,
एक दूसरे के प्रति प्यार देखने को मिलता है
जहां लोग भारत को सिर्फ एक देश ना समझकर अपनी आन, बान और शान समझते है, अपने प्राण समझते है।
ऐसे देश भारत को और पूरे भारतवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.....— % &-
आजकल लोगों को पता नहीं क्या हो गया है
फिर चाहे बच्चो की बात करो या बड़ों की
ज्यादातर सब घर के बड़ों की इज्जत करना ही भूल गए है,
अरे ना समझो तुम सब ये नहीं जानते कि
वो घर घर नहीं होता
जिसमें किसी बड़े का साथ ना हो
जिसमें किसी बड़े का आशीर्वाद ना हो....
Remember ❣️❣️-
महादेव,
कुछ तो है तुझमें जो ओरो में नहीं
क्योंकि
दूर होकर भी तू मुझे पास नजर आता है,
सबके साथ से बढ़कर तेरा साथ नजर आता है
चाहत तो बस तुझे पाने की है
तेरे बिना ये जीवन एक डरावना सपना नजर आता है।-
अगर ठीक से देखा जाए तो धरती पर हर चीज एकदम संतुलित है
जिसका खुद से इतना संतुलित होना पॉसिबल नहीं है
कोई ना कोई तो है
जिसने इसे इतना संतुलित बनाया है
फिर चाहे इसे ईश्वर कहो या अल्ला या एलियन या फिर कुछ भी
और ये सब इंसानों को फ्री में इस ईश्वर ने दी है
पर किसी ने सच ही कहा है
फ्री में प्राप्त कोई भी चीज आसानी से पचती या हजम कहां होती है
क्योंकि बात करे इंसानों की तो इंसान आजकल हर वो काम कर रहा है
जिससे हर जगह असंतुलन ही बढ़ रहा है
और इसके कारण ये साफ दिख रहा है कि विनाश निश्चित है आगे-
कुदरत ने इंसान को बनाया
जो ताकतवर है दिमागदार है
क्यों पता है......
ताकि वो उसके अस्तित्व और
उसकी गोद में पल रहे जीव जंतुओं
को प्यार और अच्छी तरह से रख सके
पर यहां इंसान ही इंसान की वाट लगा रहा है
बाकी तो दूर की बातें है।-
एक बात समझ नहीं आती यारों कि
किसी को धोखा देखकर इंसान को ऐसा क्यों लगता है जैसे उसने कोई बड़ा तीर मारा हो
और तो और हद तो तब होती है जब उसे ऊपर से अपने आप पर ऐसी हरकते करने के बाद भी फक्र महसूस होता है
और फिर वो सोचने लगता है कि सामने वाला सच में कितना जल्दी बेवकूफ बन गया
पर असल में उसे ये सोचना चाहिए कि उस इंसान को आपके ऊपर कितना भरोसा था
जो अब टूट गया
वो भी आपकी वजह से-
धरती पर जितना हक इंसान का है
उतना ही दूसरे जीव जंतुओं का भी
पर इंसान पता नहीं क्यों अपने आप को धरती का राजा समझ बैठा है
और इस बेवकूफी के कारण वो
न जाने कितने जानवरों को तड़पा तड़पा कर मार देता है
वो भी क्यों
बस उन्हें अपना भोजन बनाने के लिए, उनके चमड़े से अपने अलग शौक के लिए कपड़े, जूते, बेल्ट आदि बनाने के लिए
न जाने कितनों को इंसान अपनी खुशी के लिए जिंदगी भर के लिए कैद कर देता है
अरे उनकी भी जिंदगी है उन्हें जीने दो यारों
उन्हें बस प्यार दो यारों कोई कष्ट / पीड़ा नहीं
वरना इंसान का हिसाब तो कर ही रहा है ऊपर वाला
और ये तो हम सभी को पता है वो हर किसी की सुनता है
फिर वो इंसान हो या जानवर
बस उसके घर में देर जरूर है पर अंधेर नहीं....
और ये बात भी याद रखना जरूरी है कि अगर इंसान किसी को पीड़ा /कष्ट देता है तो इंसान की खुद की जिंदगी कैसे संवर सकती है / कैसे अच्छी हो सकती है।-
निराश बैठकर तो कुछ नहीं होने वाला
इससे अच्छा है कि
कुछ ना कुछ काम कर ही लेते है
क्या पता निराशा खुद ही दूर हो जाए-