वो जो अपने अश्कों को पालकों में छुपा लिया करते हैं अपने ग़मों को मुस्कराहट का पर्दा लगा लिया करते है छोटी-छोटी खुशियो को दिल से मनाते है वक्त आने पर ख्वाहिशों का लड़कपन छोड ज़िम्मेदारी का किरदार भी निभाने लग जाते है मर्द है जनाब हमें हिदायतें नहीं हालात बड़े बनाते हैं