इस कदर वाकिफ है, मेरे जज्बातों से मेरी कलम, मैं 'इश्क़' भी लिखना चाहूँ तो 'इंक़लाब' लिख जाता है..!!
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Amit
(Amit Prajapati)
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Student
Joined 23 July 2020
28 SEP AT 7:33
27 SEP AT 8:49
तुम खाली होगे तो बताओगे हाल अपना,
मै भीड़ में भी सोचता रहता हूं कैसे हो तुम..!!-
10 SEP AT 6:45
जिम्मेदारियों मे उलझ कर कहीं तो खो गए,
वो लड़के जो हर शाम क्रिकेट खेला करते थे..!!❤️🌻-
4 SEP AT 7:15
उल्टी ही चाल चलते हैं दीवाने इश्क़ के..!
आंखों को बन्द करते हैं दीदार के लिए..!!💔-
31 AUG AT 18:44
किस्मत की किताब तो खूब लिखी थी मेरी खुदा ने
बस वही पन्ना गुम था जिसमे मोहब्बत का जिक्र था..!!-