वक्त के साथ जो बढता जाए वो है प्यारजो बदल जाए उसे पसंद कहते है -
वक्त के साथ जो बढता जाए वो है प्यारजो बदल जाए उसे पसंद कहते है
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अक्सर अनजाने में हुई मोहब्बतजान ले जाती है। -
अक्सर अनजाने में हुई मोहब्बतजान ले जाती है।
जिसमें सब कभी न कभी भिंगते ही हैचाहे छुप जाओ किसी कोने में छिटके तो पड़ते ही है -
जिसमें सब कभी न कभी भिंगते ही हैचाहे छुप जाओ किसी कोने में छिटके तो पड़ते ही है
अजीब सी हुं मैं भी ना खुश हुं ना उदास हुंअकेली हुं और खास हुं। -
अजीब सी हुं मैं भी ना खुश हुं ना उदास हुंअकेली हुं और खास हुं।
उम्र के साथ इंसान संभलते रहते हैंवक्त और जरूरत के साथ बदलते रहते हैं -
उम्र के साथ इंसान संभलते रहते हैंवक्त और जरूरत के साथ बदलते रहते हैं
जो गलती नहीं मानते, वो हमें अपना क्या मानेंगे हम तो यूं ही दिल लगा बैठे, इन काफिरों के शहर मेंजो हमारे जज्बात नहीं समझते, वह हमें क्या संभालेंगे -
जो गलती नहीं मानते, वो हमें अपना क्या मानेंगे हम तो यूं ही दिल लगा बैठे, इन काफिरों के शहर मेंजो हमारे जज्बात नहीं समझते, वह हमें क्या संभालेंगे
धड़क रहा है दिल ऐसे मानो जान जा रही होआए तो तुम नहीं हो शायद तुम्हें मेरी याद आ रही हो -
धड़क रहा है दिल ऐसे मानो जान जा रही होआए तो तुम नहीं हो शायद तुम्हें मेरी याद आ रही हो
मेरा इश्क नहीं हुआ मुकम्मल तो क्या हुआइतिहास गवाह है, इतिहास तभी रचा इश्क ने जब जब इश्क जुदा हुआ -
मेरा इश्क नहीं हुआ मुकम्मल तो क्या हुआइतिहास गवाह है, इतिहास तभी रचा इश्क ने जब जब इश्क जुदा हुआ
स्वार्थी सा अंतर्मन है सबका और पत्थर सी काया हैकोई किसी का सगा नहीं यहां सब मोह माया है -
स्वार्थी सा अंतर्मन है सबका और पत्थर सी काया हैकोई किसी का सगा नहीं यहां सब मोह माया है
बेइंतहा सा बेशुमारहै इश्क मुझे तुमसे ए यारयह तेरे इश्क का है ये खूमारजो करती हूं मैं तुम पर जान निसार -
बेइंतहा सा बेशुमारहै इश्क मुझे तुमसे ए यारयह तेरे इश्क का है ये खूमारजो करती हूं मैं तुम पर जान निसार