तू जो इतना दूर जा चुका है,
मैं टूट कर हर तरफ बिखरा पर तुझ तक पहुंच ना सका ||-
महक थीं दुनिया को तेरी, मेरे हाथों तेरा महक छूट गया,
तू सामने है पर मिला नहीं, क्योंकि मेरा रब्ब रूठ गया,
अजीब कश्मकश में है जिंदगी
मुझे तुमसे और तुमहे मुझसे महोब्बत है फिर भी हमारा रिश्ता टूट गया||-
Aaj kismat dubaara mujhse rootha...
Tumhe kisi aur k saath dekh fir ye dil toota....-
चलो मिलतें है कहीं,
चलो मिलतें है कहीं..
अभी नहीं कुछ समय बाद,
किसी और शहर में,
कुछ और करते हुए,
अनजाने में....
मगर अबकी जो मिलेंगे,
इसबार की तरह कहानी अधुरी नहीं छोडेंगे||-
पेहले जैसा ना पाओगे अब हमें तुम....
खुद से, तुम से, जिंदगी से, सबसे नफरत सी हो गई है....-
जिंदगी की दौड़ में चलते चलते, अक्सर लोग पिछे छूट जाते हैं,
सबको समेट समेट कर रखने वाले लोग, अक्सर अकेले में टूट जाते हैं||-
अब शांत रहने लगे हैं हम भी,
समझने वाले तो आखों से ही जज्बात समझ लेते हैं||-
धीरे धीरे टूट टूट कर एक दिन आदमी
खुद को खत्म कर लेता है ||
और लोग कहते हैं इसे क्या हुआ था
कल तक तो ठीक ठाक था ये??-
क्या फर्क पडेगा तेरे वापस आने या ना आने से ही,
टूट गया है वो इंसान तेरे छोड़ कर जाने से ही||-