Amey Walinjkar   (Amey Walinjkar)
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शायरी तुमसे हैं, तुम इश्क हो...
Joined 15 October 2020


शायरी तुमसे हैं, तुम इश्क हो...
Joined 15 October 2020
YESTERDAY AT 20:35

सूखे फूल मिलते तो हैं
किताबों में मगर
संग फ़कत यादें
मिलती हैं
वो खुशबू नहीं मिलती

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10 OCT AT 18:42

किसी को बात करने को
इतना भी मत तरसाओ
के फिर बात ना होने की भी
कोई बात ना लगे
उसे इतना भी मत तड़पाओ
एक एक दिन मुलाक़ात की ख़ातिर
के फिर उसे तन्हाई में भी
कोई रात, रात ना लगे

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9 OCT AT 20:08

फिर मिलना मुझे तुम, उसी मिनार के पास
जहां मिलते थे हम, बिछुड़ने से पहले
के ज़िन्दगी मेरी, थम गई हैं आज भी वहीं पर
हमारी उस आख़िरी मुलाकात के बाद

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8 OCT AT 23:30

दिल में नासूर बन कर पलती हैं
फिर ग़मजदा निगाहों में
बीती तमाम यादें खलती हैं

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7 OCT AT 23:16

a poetry, from my heart
a story, by my mind
memories, with my love
and my life, according to the God.

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6 OCT AT 22:07

कल रात को कर लिया था
फिर से नशा उनके इश्क़ का
सुबह गुज़रते गुज़रते
कमबख़्त पूरा उतर गया
फ़कत वक़्त ही तो माँगा था
और थोड़ी सी मुहब्बत
उन्होंने याद दिलाया कि
मेरे हक का वक़्त तो
कब का गुज़र गया

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5 OCT AT 23:35

रुको कुछ देर और, कुछ रातें और बतानी हैं तुम्हें
इक सदी से, जो दिल पर गुज़री हैं, वो हर बात बतानी हैं तुम्हें
मिरी दास्ताँ में, ख़ुद मेरी धड़कनें ही, बेवफा निकली
मिरी बेवफा धड़कनों की, तमाम हालात बतानी हैं तुम्हें

के हज़ारों ग़मों की महफ़िल में, रूह तन्हा रही ऐसे
जंगलों में भटकते रहे हम, इक पेड़ के छाँव की ख़ातिर
ना तो छाँव मिली, और नाही हम मिलें फिर ख़ुद से
मिरी ख़ुद मुझसे बिछुड़ने की, वो आख़िरी मुलाकात बतानी हैं तुम्हें

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4 OCT AT 21:59

Bring me Moon, Stars and Clouds
but will it fill up my emptiness ?
Bring me Showers, Rivers and Oceans
but will it rinse off all my tears ?
Bring me Mountains and Valleys too
but will they hold me
through ups and downs ?
Bring me Sun, Rainbows and Flowers
but will it put my warm smile
back on my face ?

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3 OCT AT 21:35

वो मुझसे बार-बार रूठता रहा बात बात पर
मैंने हर बार उसे फिर मनाकर लाया हैं
उसने इक इक बात को बार-बार कुरेदा अतीत से
और मैंने, हर बार उस बात को दफ़नाया हैं
अब जो मैं रूठा भी नहीं, ज़रा बातें कम की हैं उनसे
मेरा मेहबूब, मेरी चुप्पियों से भी कहाँ पिघला हैं
इश्क़ की बात, मुझसे सुनने को, बेकरार हैं वो मगर
सौं रब दी, इश्क़ का लफ्ज़ भी ना उसके लबों पर आया हैं

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2 OCT AT 23:36

कोई सितारों की लड़ी
आसमाँ से उतर आयी हो ज़मीन पर
तेरी ये मुस्कराहट
उसपर चार चाँद लगाती हैं
कुछ अधूरी सी थी
मेरी जिन्दगी तुम से पहले
तुम्हारे मेरे साथ होने से
मेरी निगाहें, ख्वाब पूरा सजाती हैं

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