Ambuj Srivastav   (अंबुज कुमार श्रीवास्तव)
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Fatehpur Uttar Pradesh (student)
Joined 16 April 2020


Fatehpur Uttar Pradesh (student)
Joined 16 April 2020
13 APR AT 2:23

हे! राम तुम्हारे हम, हे! राम हमारे तुम
जग तो सारा झूठा, सच तो हो हमारे तुम
हे! राम तुम्हारे हम, हे! राम हमारे तुम
कौशल्या की आँखें,दशरथ की सांसे तुम
सीता के प्राण प्रिये, लक्ष्मण के जीवन तुम
हे! राम तुम्हारे हम, हे! राम हमारे तुम
शबरी के, सुतीक्ष्ण के कर्मों के फल हो तुम
इस केवट की नवका के ये खेवन हारे तुम
हे! राम तुम्हारे हम, हे! राम हमारे तुम
सुग्रीव, जटायू के, हो संबंधी निराले तुम
हनुमान के जीवन के, प्रभु जीवन हो ये तुम
हे! राम तुम्हारे हम, हे! राम हमारे तुम
हम बालक हैं भगवन्,जगतपिता हो तुम
हे! राम तुम्हारे हम, हे! राम हमारे तुम

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26 FEB AT 22:53

बुरे स्वप्न की तरह खुद को भुलाना पड़ता है। 

ज़िंदगी रूठी हो,सबको भूल जाना पड़ता है।

ख़्वाब ऐसे हैं, कि सारा जहान अपना ही है।

हालत जैसे है, कि सब कुछ  गंवाना पड़ता है।

तुमने यक़ीनन चुन लिया ज़िंदगी में एक सफ़र।

हमको सफ़र में खुद की जिंदगी गंवाना पड़ता है।

चांदनी की रात में तुम खुद चमकते चांद तक।

जेठ की धूप में हमको खुद को जलाना पड़ता है।

जिंदगी मुझसे कभी अब न तू कोई  वादा कर।

वादे टूट जाने पर हमको खुद आंसू बहाना पड़ता है।




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26 FEB AT 22:50

बुरे स्वप्न की तरह खुद को भुलाना पड़ता है। 

ज़िंदगी रूठी हो,सबको भूल जाना पड़ता है।

ख़्वाब ऐसे हैं, कि सारा जहान अपना ही है।

हालत जैसे है, कि सब कुछ  गंवाना पड़ता है।

तुमने यक़ीनन चुन लिया ज़िंदगी में एक सफ़र।

हमको सफ़र में खुद की जिंदगी गंवाना पड़ता है।

चांदनी की रात में तुम खुद चमकते चांद तक।

जेठ की धूप में हमको खुद को जलाना पड़ता है।

जिंदगी मुझसे कभी अब न तू कोई  वादा कर।

वादे टूट जाने पर हमको खुद आंसू बहाना पड़ता है।




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26 FEB AT 22:48

बुरे स्वप्न की तरह खुद को भुलाना पड़ता है। 

ज़िंदगी रूठी हो,सबको भूल जाना पड़ता है।

ख़्वाब ऐसे हैं, कि सारा जहान अपना ही है।

हालत जैसे है, कि सब कुछ  गंवाना पड़ता है।

तुमने यक़ीनन चुन लिया ज़िंदगी में एक सफ़र।

हमको सफ़र में खुद की जिंदगी गंवाना पड़ता है।

चांदनी की रात में तुम खुद चमकते चांद तक।

जेठ की धूप में हमको खुद को जलाना पड़ता है।

जिंदगी मुझसे कभी अब न तू कोई  वादा कर।

वादे टूट जाने पर हमको खुद आंसू बहाना पड़ता है।




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7 FEB AT 23:18

आज इज़हार-ए-मोहब्बत करने आया हूँ,
दिल की हर बात कहने आया हूँ।
बस एक लफ्ज़ कह दे हाँ,
तेरी राहों में उम्र भर सजने आया हूँ।  

तेरी आँखों में जो ख्वाब सजे,
उन्हें अपनी पलकों पे रखने आया हूँ।
तेरी हर खुशी में शामिल होने,
तेरा हर ग़म अपनाने आया हूँ।

हर साँस में तेरा नाम रहेगा,
हर धड़कन तुझसे पैगाम कहेगी।
जो साथ चले तो ज़िंदगी जन्नत,
जो दूर रहे तो भी रूह तेरा दम भरेगी।

तेरी बाहों में सुकून पाऊँ,
तेरी हँसी से रौशन हो जाऊँ।
तू हाँ कह दे बस इक दफ़ा,
मैं तेरा था, तेरा हूँ, तेरा ही बन जाऊँ।

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16 NOV 2024 AT 4:59

तूने पत्थर बना लिया दिल का जहां,
हर जज़्बात को किया तूने बेजुबां।
सोचता हूं तुझ पर क्या बीतेगी,
जब टूटेगा ये घमंड का आसमां

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16 NOV 2024 AT 4:54

रात भर उसकी याद में जागते रहे,
दिल के आलम में दर्द सहे जाते रहे।

चाँद भी ग़मगीन था मेरी तन्हाई में,
सुरूर-ए-हसरत में खोए जाते रहे।

हर ख्वाब में उसकी तस्वीरें थीं रौशन,
आँखों से अश्कों की नदियाँ बहते रहे।

गुज़री हुई रातें, वो सन्नाटा भी था,
हर पल में उसकी ख़ुशबू सहे जाते रहे।

उसकी तलाश में डूबे रहे हम हमेशा,
चाहे जितना भी खुद को मिटाते रहे।

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10 NOV 2024 AT 1:32

इतने फरिश्तों से मिला हू कि थक गया हूं
मेरे ईश्वर मुझको दो चार इंसान भी अता करदे

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9 OCT 2024 AT 0:19

प्रेम में बिक गया था मैं कभी,
खुद को रखा था बिना कोई शर्त,
वो समझ बैठी मुझे मुफ़्त का,
ना जाना उसने दिल की असली कद्र।

अब लाऊंगा अपनी कीमत फिर से,
रखूंगा दिल का मोल सही,
मिलेगी जब वो दोबारा मुझसे,
तो जान जाएगी इस प्यार की गहराई।

अब नहीं झुकूंगा यूं आसानी से,
इज्जत दूंगा खुद को पहले,
जो दे सका ना सम्मान प्यार को,
वो पायेगा अब मेरा किनारा मुझसे।

प्रेम सच्चा है, पर कीमत भी है,
इसे यूं मुफ़्त में मत समझना,
जो समझा होगा मेरे दिल को सस्ते में,
वो देखेगा अब मुझे फिर से बदलना।

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9 OCT 2024 AT 0:15

मेरे प्रेम के समर्पण को,
मेरी मूर्खता मत समझना।
जो दिल से किया है अर्पण,
उसे यूँ हल्का मत समझना।

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