Ambuj Bharadwaj   (Ambuj)
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Student, Delhi School of Journalism, Delhi University.
Joined 27 December 2018


Student, Delhi School of Journalism, Delhi University.
Joined 27 December 2018
14 NOV 2020 AT 16:29

जब नाव जल में छोड़ दी
मझधार में ही मोड़ दी
दे दी चुनौती सिंध को
तो धार क्या मझधार क्या

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15 MAY 2020 AT 11:55

क्षणिक गुस्सा आपके बने संबंध को भी बिगाड़ सकता है और क्षणिक धैर्य आपके बिगड़े संबंधों को भी संवार सकता है।

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15 MAY 2020 AT 11:49

कोई कुछ भी बोले अपने को हमेशा शांत रखो।
क्योंकि धूप कितनी भी तेज हो जाए, वो समुन्द्र को कभी सूखा नही सकते!!

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15 MAY 2020 AT 10:02

वक्त की अहमियत जिस ने समझ ली, उसने काफी समझ हासिल कर ली। बस वक्त-वक्त की बात है थोड़ा वक्त लगता है, वक्त को और बेहतर होने में।

"वक्त ही बादशाह है रे बाबा"

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18 FEB 2019 AT 22:47

वह मूर्ख होता है जो सिर्फ सच को ही जानता है और सच व झूठ के फर्क को नहीं जानता है।

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18 FEB 2019 AT 22:44

बदला लेना हर बार सही नहीं होता, लेकिन माफ कर देना भी हर बार सही नहीं होता।

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2 JAN 2019 AT 4:52

गलतफहमियों में उपजे प्रश्न और प्रश्नों के उत्तर स्वयं
तैयार कर लेने के वजह से कई परेशानियां उपजती हैं।

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27 DEC 2018 AT 2:05

यह जीवन शब्द निरंतर प्रगति का पर्यायवाची है। इस प्रतियोगिता से भरे जीवन में रोज आपको कुछ नया सीखने की प्रवृति का पोषण करना चाहिए। यह विश्व अनेक नए पुराने विचारों से भरा पड़ा है। अतः जिस दिन आपकी सीखने की प्रगति समाप्त हो गयी या रुक गयी उस दिन आपके जीवन की प्रगति, आपके विचारों की प्रगति, और आपके अस्तित्व की प्रगति रुक जाएगी।

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