यकीन कर
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🎂19th Nov🎂
आ गए हो तो कुछ देर रुको🤗🤗🤗
अच्छा बैठो तो कुछ बात करनी है। चाय ... read more
ये तारे सितारे जो झिलमिला रहे हैं सारे
समक्ष तुम्हारे पूरा ये गगन कर रहा हूं
चंदेरी सुनहरी लग रही हो ओ मेरी मृगनयनी
मैं अर्पित समर्पित अपना तन मन कर रहा हूं
प्यारे न्यारे लग रहें हैं ये अद्भुत से नज़ारे
शुभ मुहूर्त देखकर तुमसे लगन कर रहा हूं
स्वीकार किया आपको अर्धांगनी के रूप में
निभाऊंगा साथ पग पग, ये प्रण कर रहा हूं
दसों दिशाओं में प्रज्वलित कर प्रेम के दीप
ईश्वर को साक्षी मान, पाणिग्रहण कर रहा हूं-
जब दिल पर चलाती हो छुरियां हजार
लगती हद से भी ज्यादा हसीन हो तुम
खूबसूरती जो तुम्हारे कदम चूमती
दिखती जैसे कोई आफरीन हो तुम
गालों पर स्पर्श करती जो उंगलियों से
मिजाज से थोड़ी थोड़ी रंगीन हो तुम
अब कैसे करूं तुम्हे खुद से रुख़सत
जैसे झगड़े वाली कोई ज़मीन हो तुम
और पूछती हो कितना करता हूं विश्वास
मेरी पहली और आखिरी यक़ीन हो तुम-
एक रूप है जो धूप से श्रृंगार करती है
वो शख़्स बेहद मुझसे प्यार करती है।
उसकी इतराती, इठलाती, बलखाती कमर
कमरधनी पहन मौसम बहार करती है।
होंठो पर लाली................कानो में बाली
डाली नजर सीधा दिल पर वार करती है।
कभी प्रेम, कभी गुस्सा तो कभी नाराजगी
मेरी शहजादी सब अपने अनुसार करती है।
सादगी झलकती है, निखरती है चेहरे से
जब दोनो भौं के बीच अनुस्वार करती है।-
उड़ जा रे सोनचिरैया (भाग - 2)
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