होली में तो सभी लोग रंग खेलते है,
पर पता नही था के,
मेरा हमसफर भी रंग बदल देगा।।-
समंदर से भी गहरी थी उनकी नजरें,
हम डूबते रहे और वो डुबाते चले गए।
सांस फुल गयी जब उस समंदर में,
तैरना तो आता था ,
पर उस गहराईओं में तैरना भूल गए।।-
वाचता शब्द हे,
मनी चांदणे सजले का ???
कारण सुचले शब्द तेव्हा,
रात्र थोडी गर्द होती !!!
पाहुनी ओळी मागून ओळ,
अंगी थोडे शहारले का ???
कारण ओळी लिहिल्या तेव्हा,
भोवताली थोडी थंडी होती !!!
अक्षर ते माझे,
अनोळखे थोडे वाटले का ???
कारण अक्षर लेखीले तेव्हा,
भिती थोडी वाटली होती !!!
पूर्णविराम त्यातले,
गडद थोडे भासले का ???
कारण वाक्य संपले तेव्हा,
लेखणी विचारांनी दबली होती !!!
चाळून कविता ही,
स्मित थोडे हसलीस का ???
कारण कविता रचली तेव्हा,
आठवणीत तू भरली होती !!!-
वो रोज एक दूसरे को याद करना,
कभी प्यार भरी बातें तो, कभी ग़ुस्सा होना,
कभी रहे तू ,तो कभी में उदास,
तो वो कभी एक दूसरे को प्यार से मनाना,
पता नही, पर इसकी आदत सी क्यों हो गयी है।
आज जाना तू मुझे बहोत याद आ रही है।
क्या खूब थे ना वो दिन,
जब हम मिलते थे,
खो कर एक दूसरे में,पूरी दुनिया देखते थे,
आज वो दुनिया भी न जाने क्यों पराई सी हो गयी है।
पता नही क्यों,
पर आज तू मुझे बहोत याद आ रही है।
क्या हुआ था ऐसा के, तूने सारे सपने छीन लिए,
वादे तो बहोत किए थे तूने, सब एक पल में तोड़ दिए,
तोड़ मेरे दिल को, आज मुझ पर हंस रही है।
फिर भी पता नही क्यों,
पर आज तू मुझे बहोत याद आ रही है।
सोच था मेने, खुद को तेरे हवाले कर दु,
बाहों में तेरे लिपट, सब कुछ भूल जाउ,
पर आज तेरी बेवफ़ाई देख, मेरी रूह कांप रही है।
फिर भी पता नही क्यों,
पर आज तू मुझे बहोत याद आ रही है।
सोच था दिल से तुझे भूला दूंगा,
पी कर जहर खुद को मिटा लूंगा,
पर उस जहर में भी तू नज़र आ रही है।
पता नही क्यों ए-बेवफ़ा,
पर आज तू मुझे बहोत याद आ रही है।
बहोत याद आ रही है।।
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जिंदगी मे ऐसे व्यक्ती को भी याद रखना जरुरी है,
जिन्होंने हमे भूला दिया हो..
कमबख़्त दिल कुछ तो सिख गया उनसे,
नही तो समझ नही पाते कौन अपने है और कौन पराये।-
बहुत प्यार किया था तूझे,
उस रब से भी ज्यादा चाहा था तुझे,
सिर्फ एक ही तो ख्वाहिश की थी मैंने,
इतनी जल्दी भूल गयी क्या...
एक बात बता मुझे ए-जानम,
तुझे मेरी याद आएगी क्या???
कभी तेरा बेवज़ह रूठ जाना,
कभी मेरा वो तुझे इत्मिनान से मनाना,
आज खुद को मना लेना सिख गयी क्या...
एक बात बता मुझे ए-सनम,
तुझे मेरी याद आएगी क्या???
डरते थे जैसे जुदा होने को,
आज किसी और के साथ तुझे वक्त बीताना पसंद है,
अरे जैसे कभी मुझे मिलती थी,
आज गैरों के साथ भी वैसे ही मिलेगी क्या...
एक बात बता मुझे ए-कमबख़्त,
तुझे मेरी याद आएगी क्या???
करती थी वो प्यार भरी बातें,
आज किसी और के साथ बात करने में व्यस्थ है,
भूल गयी वो ता-उम्र साथ रहने के वादे,
अब उन वादों को भी रखकर करेगी क्या...
एक बात बता मुझे ए-हमदर्द,
तुझे मेरी याद आएगी क्या???
आए होंगे तेरे ज़िन्दगी में बहोत,
प्यार के अलग अलग नग़्मे सुनाये होंगे तुझे,
पर सुन मेरे जैसा प्यार करने वाला तुझे मिलेगा क्या...
एक बात बता मुझे ए-बेवफ़ा,
तुझे मेरी याद आएगी क्या???
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उस व्यक्ती से कभी झूठ मत बोलो,
जो आपसे अपनी जान से भी ज्यादा
प्रेम करता है!!
-भगवान बुध्द-
रोज राबतोस तू,
घरच्यांच्या गरजा पूर्ण करण्यासाठी,
आज जरा स्वतःकडे पण बघ,
अजून काहि दिवस जगण्यासाठी,
स्वतःला भूख लागली असून,
आधी त्याला आपल्या घरचे भूकीजलेले चेहरे दिसायचे,
करू जेव्हा कष्ट तेव्हा सुखाने खाऊ,
हे म्हणून रात्र दिवस राबत राहायचे,
पण ह्या राजकारणाने आज पूर्ण तुलाच खाल्ल,
काय खाणार,कोणाचे देणार,देऊन देऊन आणि कर्जबाजारी करून टाकलं,
आज तुला स्वतःला फासला लटकवायला सुद्धा सोप्प वाटतय,
पण त्या आधी तुलाच तुझा संसार रस्त्यावर पडलेला दिसतंय,
हिम्मत आहे तुझ्यात मानवा, म्हणून नेहमी तू राबतो,
प्रत्येक वर्षी तू त्या देवाला पण आव्हान देतो,
खाऊन साऱ्या जगाच्या लाथा,
सांभाळला तू संसार आपल्यापरी,
तूच आहे ह्या जगाचा बाप,
तूच माझा शेतकरी
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तेरे प्यार के सागर में, आख़री पड़ाव डूब के मरना ही था,
तो बता देती,
तैरना हम भी सिख जाते..।।
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प्यार...
बोलना पानी की तरह,
बहना या चलना पानी की तरह,
सोचना पानी की तरह,
और संभालना भी पानी की तरह transparent..
overall दो दिल ही पानी की तरह transparent होने चाहिए,
ऐसा नही के आगे वाला क्या सोचेगा, क्या बोलेगा..
अगर वो आपसे प्यार सच्चा प्यार कर रहा,तो थोड़ा घुस्सा होके फिरसे मान जायेगा..।।
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