जज़्बात
तुम ख़ास तो हो सबके लिए,
लेकिन तुम अपने जज़्बात कही और बाटो,
ये न गवारा है इस दिल को!!🖤-
शिव मेरे आराध्य है, मै हूं शिव का दास।|❤️
read more
Parizad
रात हो चाँद हो सनासा हो,
क्यों न रग-रग में फिर नशा सा हो,
मैंने इक उम्र खर्च की है तुम पर,
तुम मेरा कीमती असासा हो,
एक तो खौफ भी हो दुनिया का,
और मोहब्बत भी बेतहाशा हो।।
=सनासा ( कोई प्रिय): असासा ( संपति)
-
अल्फाज़
कितना महरूम हूं मैं,
कितना मयस्सर है मुझे।
ज़र्रा सहरा है मुझे,
कतरा समंदर है मुझे ।🖤।-
याद
मुहब्बत अब न होगी,
ये कुछ दिन बाद में होगी।
गुज़र जाने दो ये वक्त अभी,
अब ये सिर्फ़ उनके याद में होगी।।
- Munir Naizi sir❤️-
“चाँदनी रात”,
उफ्फ ये चाँदनी रात,
उसपे रात का सफर ।
क्या बताऊं गालिब,
गजब कहर ढा रहा दिल❤️ पर||
-
"नशा"
मत पूछ उसके मैखाने का पता ऐ साकी,
उसके शहर का तो पानी भी नशा देता है.
-
"नज़र"
उनसे यूं जो नज़र मिली अरसो बाद,
साहब😧,
फिर इक दफ़ा इस दिल पर काबू न रहा🖤।।-
मोहब्बत ❤️
किसी ने हमसे ये पूछा ,
आज गुलाब किसे दे रहे हो!!
अब उन्हें कौन समझाए साहेब,
मेरे महादेव तो बेल-पत्र से खुश हो जाते है!!-
"मां- बाप"
आज तो हद ही हो गई ,
साहेब,
आज वो इंसान मंदिर में पूजा करते मिला,
जिसके मां-बाप वृद्धाश्रम में जिन्दगी गुजार रहे😓।।-