मेरी धड़कनों को बड़े अरसो से
रिस-रिस कर तरासा है मैंने
तेरे जाने के बाद मुश्किलों से
अश्रुओं ने संभला है मुझे।-
तुम मेरी वो खुशी हो,
जो मैं इत्तु सा भी किसी और का न दे सका
पर कमबख्त इश्क तुम्हे किसी और से हो गया
जी चाहता है कभी–कभी फूट कर रोने का
पर कमबख्त दिल,
कंधा न होने पर मुस्कुरा कर सो गया-
कुछ कहानियों की ending हो
ये भी जरूरी तो नही,
हर बात कही जाए शब्दो मे
ये भी जरूरी तो नहीं।
कुछ बातों को दिलों में महफूज
रखा करो मेरे यारों,
वो दोस्त मिल जाएं दोबारा कहीं
ये भी जरूरी तो नहीं ।।-
ना जाने क्यूं किसी लड़की पे अब यकीन नही होता
न तोड़ा होता तुमने ये मासूम दिल न मैं फकीर होता
रुक रुक कर तेरी यादें मेरी रूह खा रही है आज भी
मुझे लगता है तुझसे अच्छा तो शायद बवासीर होता-
जितने आंसू गिरते है आज भी आंखों से मेरे हर बार
उतनी ही खुशियां तेरी लकीरों में हो
काश कि खुदा करे की तू हंसती रहे सही सलामत
इतनी सी ही सही पर जीने की वजह तो हो।।-
जीने नही देते रोने नहीं देते
तेरे कुछ सपने
मुझे हसने भी नही देते, मरने भी नही देते
❤️-
एक ख्याल हमेशा सताता है उसे सोच के
खैर छोड़ो क्या ही रखा है उसे सोच के-
हम तो टूटने की कोशिश कर रहे थे उन्हे भूल कर,
पर कमबख्त उनकी यादों ने हमे फिर से जोड़ दिया।-
आज फिर आंसुओ की धार लग आई
न चाहते हुए भी तेरी याद आई
देखो क्या हाल किया है तुमने मेरा
एक कदम आगे बढ़ाने जाता हू
और दो कदम पीछे चला आता हू।
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उसे बड़ा मजा आता होगा मुझे यू तड़पता अकेला देख कर।
काश मै मिला ही ना होता उस एक प्यारे से शख्स से।।-