Amar Dwivedi   (अमर द्विवेदी)
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Joined 25 June 2018


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Joined 25 June 2018
6 DEC 2023 AT 21:00

इश्क़ करूँ या काम करूँ, 

जीवन में ऐसा नाम करूँ।

मंज़िल को बस गले लगा लूँ, 

चाहे सुब्ह-ओ-शाम करूँ।


०५/१२/२०२०

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14 NOV 2023 AT 8:12

दुनिया के देख फ़रेबी किस्से,
दिल कहता है सच्चा हो जा।
सब ख़ुशियाँ होंगी तेरे हिस्से,
दिल कहता है बच्चा हो जा।।

१४/११/२०२२

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10 FEB 2023 AT 23:26

छिपा हुआ प्रतिबिंब तुम्हारा, मेरे हृदय में आज भी
पहली बार का मिलना तेरा और तेरी आवाज़ भी
तेरा रूठना मेरा मनाना और भी बातें याद आने पर
थोड़ा-थोड़ा ख़ुश होता हूँ और थोड़ा नाराज़ भी

०९/०२/२०२३

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26 MAR 2021 AT 16:07

तुम कदम प्यार का एक बढ़ाओ,
मैं दौड़ा दौड़ा आऊंगा।
तुम हिम्मत करके हाथ मिलाओ,
मैं झट से गले लगाऊंगा।

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20 MAR 2021 AT 18:21

एक चिड़िया है,
जो उड़ना चाहती है,
उसके पंख भी हैं सही-सलामत,
उड़ भी सकती है,
पर नहीं उड़ पाती,
क्योंकि
जिस पेड़ की डाली से उसे उड़ान भरना है,
उस डाली पर भरोसा नहीं,
वह अब भी उड़ सकती है,
अगर भरोसे की तनी हुई डोरी को ढीला छोड़ दे।

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30 DEC 2020 AT 0:10

तलाश थी वफ़ा की ज़माने भर से हमें
किताबों से मिला तो साथ ही नहीं छूटा

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27 DEC 2020 AT 13:31

पता नहीं,
कहीं खो गया हूँ मैं।
अब कौन खोजेगा मुझे..?
मेरे अपने,
कोई और
या
मैं खुद..?
इनमें से कोई भी
खोजकर मुझे
वहीं पर
छोड़ दो ना
उसी मोड़ पर,
उसी जगह,
जहाँ से खो गया था मैं।

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24 DEC 2020 AT 1:17

मिला जो प्यार तेरा तो मैं सँवर जाऊंगा
साथ जो छूटा तेरा तो मैं किधर जाऊंगा

नज़रें मिली हैं नज़रों से इस कदर हमारी
नज़र जो तू झुकाए भी तो मैं नज़र आऊंगा

मैं वो आइना हूँ जिसमें अक्स छुपा है तेरा
दिखे जो तू ना मुझमें तो मैं बिखर जाऊंगा

मिलन की रात भी लम्बी थी और बातें भी
जुदा जो हुआ तुझसे तो मैं बिछड़ जाऊंगा

है श्वेत हंसिनी तू मेरे स्वप्न सरोवर की
बना जो हंसा तेरा तो मैं निखर जाऊंगा

हो जा तू मेरे हवाले और मैं तेरे हवाले
अमर जो हुआ ना प्यार तो मैं मर जाऊंगा

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11 NOV 2020 AT 12:55

प्रेम के फूल शर्तों से नहीं,
सहमति से खिलते हैं।

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6 OCT 2020 AT 9:39

यार मुझे भी प्यार तो दे दो,
कश्ती की पतवार तो दे दो।

आस लगाए बैठा कब से,
खुशियों की बहार तो दे दो।

काट सके जो दुःख की घड़ियाँ,
ऐसी तुम तलवार तो दे दो।

अंतर्मन को जो छू ले तेरे,
ऐसा कोई विचार तो दे दो।

दिल में मेरे दस्तक दे जो,
ऐसी कोई पुकार तो दे दो।

तुम्हें लगा लूँ तन से अपने,
ऐसा तुम अधिकार तो दे दो।

प्यार ही प्यार जहाँ पर हो,
ऐसा तुम संसार तो दे दो।

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