खुलते ही दिल भर जाता है
यादों का सैलाब उमड़ आता है
कुछ अनकहा याद आ जाता है
आँखों को नम कर जाता है
मीठा सा दर्द दे जाता है
और एक बार फिर हमें अकेलेपन का एहसास करवा जाता है-
ये रिश्ता क्या कहलाता है?
जो सुकून भी देता है और बेचैनी भी,
ख़ुशी भी देता है और दर्द भी,
एक पल में मुस्कुराहट बिखरा देता है और दूसरे पल ऑंखें नम कर जाता है,
तुम ही बताओ आख़िर ये रिश्ता क्या कहलाता है?-
अधूरा चॉंद दिल को सुकून दे जाता है,
तारों संग आसमान को रौशन कर जाता है,
आँखों में सपने हज़ार दे जाता है,
ख़ुद को खो कर पाने की उम्मीद दे जाता है।-
तुम्हारी याद में हम शमा जला बैठे,
तुम्हारे लिखे ख़त पढ़ बैठे,
तुम्हारे इंतज़ार में आँखें बिछा बैठे,
क्या बताएँ जनाब खुदको तुम्हारे इश्क़ में फ़ना कर बैठे।-
ज़िंदगी के दस्तूर समझे हैं हमने,
अपने हिस्से के सुख और दुख पाय हैं हमने,
कैसे बताएँ दुनियाँ को अपनी ज़िंदगी के बारे में,
सबसे ख़ुशी ज़ाहिर की और ग़म छिपाएँ हैं हमने ।-
तनहाई का ये मंज़र है
की वो किसी और की बाहों के आघोश में थे
और हम उनकी यादों को अपने सीने से लगाए बैठे थे-
चंद मुलाक़ातें हुईं हमारे दरमियाँ,
कुछ कही अनकही बातें हुईं हमारे दरमियाँ,
वक़्त की दहलीज़ पर खड़े हैं हम,
वक़्त ही बताएगा क्या है तुम्हारे हमारे दरमियाँ।-
तुमसे एक तरफ़ा इश्क़ कर बैठे हैं हम,
तुम हमें ठीक से जानते भी नहीं
और तुम्हें अपना दिल दे बैठे हैं हम।-
आज एक मुद्दत बाद उनसे मुलाक़ात हुई,
कुछ ज़िंदगी की, कुछ तजुर्बों की बात हुई,
दूर हो कर भी दूर होने का एहसास ना हुआ,
आज समझ आया क्यों हमारी दोस्ती उनके साथ हुइ।-