अनुज वधु भगिनी सुत नारी,
सुनु सठ कन्या सम ए चारी,
इनही कुदृष्टि विलोकइ जोई,
ताहि बधै कछु पाप न होई
छोटे भाई की पत्नी,बहिन,पुत्र की पत्नी,ये तीनों बेटी के समान हैं,जो भी इन्हें कुदृष्टि से देखे,उसे मारने में कोई पाप नहीं होता
-भगवान श्री राम- अमन वार्ष्णेय
31 JUL 2019 AT 0:34