"Be an edifice and not the structure;the structure can fall,but the edifice remains'"--
#shri_L_B_shastri-
चलिए गांधी बनते हैं,
चलिए नोट पर छपते हैं,
कभी इस हाथ ,
तो कभी उस हाथ बिकते हैं-
क्या कहती हो ठहरो नारी,
संकल्प अश्रु जल से अपने,
तुम दान कर चुकी पहले ही,
जीवन के सोने से सपने,
नारी!तुम केवल श्रद्धा हो,
विश्वास रजत नग पगतल में,
पीयूष स्रोत सी बहा करो,
जीवन के सुंदर समतल में,
देवों की विजय,दानवों की,
हारों का होता युध्द रहा,
संघर्ष सदा उर अंतर में,
जीवित रह नित्य विरुद्ध रहा,
आंसू से भीगे अंचल पर,
मन का सब कुछ रखना होगा,
तुमको अपनी स्मित रेखा से,
यह संधिपत्र लिखना होगा
- जयशंकर प्रसाद-
अंग्रेजी, अल्पसंख्यक शासन और शोषण का एक साधन है,जिसका प्रयोग 40 या 50 लाख अल्पसंख्यक रूलिंग क्लास इंडियंस, 100 करोड़ से अधिक लोगों पर अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए प्रयोग कर रहे हैं
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कुछ लोग प्रतिभाशाली पैदा होते हैं,
कुछ अपनी मेहनत के दम पर प्रतिभाशाली बनते हैं,
और कुछ लोगों को प्रतिभाशाली बताकर समाज पर थोप दिया जाता है..-
इस भुलावे में मत रहिए कि भारत में तलाक़ इसलिए कम होते हैं कि पति-पत्नी के बीच में अटूट प्रेम है.
यहाँ तलाक़ कम होते हैं क्योंकि बीवियाँ डिपेंडेंट होतीं हैं, पति के ऊपर. आर्थिक आज़ादी नहीं होना सभी ग़ुलामियों की वजह है. उन्हें लगता है चलो जैसा भी पति है, सिर पर छत है, समाज में इज़्ज़त है, बच्चें ढंग से पढ़ रहे हैं. तो जाने दो क्या हुआ जो प्यार और सम्मान नाम की कोई चीज़ नहीं है शादी में. अपने यहाँ शादियाँ जी नहीं जाती काटी जाती हैं. अपवाद का ज़िक्र नहीं कर रहा. आधी आबादी की हक़ीक़त बता रहा..-
अगर आपको वह फसल पसंद नहीं जो आप काट रहे हैं, तो आप उन बीजों की जांच करें जो आप बो रहे हैं
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तो फिर क्यों आंखों में नमी,
क्यों मैं रोता हूँ आज भी,
क्या खलती तेरी है कमी,
जो मैं रोता हूँ आज भी-
उनसे कभी पंगा मत लेना जो बंदूक़ बेचकर स्याही ख़रीदते है।
-मार्क ट्वेन-