मेरी नज़र चुराने का ज़िम्मा,
उसके होंठ औऱ आंखों पर था,
न जाने कब उसने झुमका पहन,
बिंदी लगाई औऱ मैं होश ही खो बैठा।-
।।हर हर महादेव।।
Set in your mind that you are one of d... read more
मुस्कुराना भी जरूरी हैं ज़माने में,
नहीं हर कोई कमज़ोर समझ लेगा,
ख़ुश तो नहीं देखना चाहता कोई भी,
तकलीफ़ फ़ालतू का मगज़ देगा।
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बेपरवाह से न जाने कब बेपनाह हो जाएगा,
पता भी नहीं चलेगा औऱ दिल फना हो जाएगा।-
साहब अब आपके पैर बड़े हो गए हैं,
तो इसमें उन जूतों की क्या ग़लती हैं,
थोड़ा सा तो समझौता ही कर लेते,
नया लाने की इतनी भी क्या जल्दी हैं,
न जाने किसने सारे क़दम संभाले होते,
ये न होते तो पाँव में कितने छाले होते,
बिना चाह जमीं पर पड़े रहें हमेशा ही ये,
इनके बिना तो ख़्वाब ज़्यादा काले होते।-
फ़िराक में हो किस चीज़ के,
क्या सोच रहे आंखे मींच के,
ईश्क़ का सौदा तो नहीं करना,
पीठ पीछे ज़हर तो नहीं भरना,
मलाल कुछ हो तो निकाल लो,
गुस्से को अपने यहीं पिघाल लो,
मैं ख़ामोश सह लूंगा थोड़ा सा ही,
ये सोच के मेरे लिए छोड़ा था ही।-
वक्त ने हाथ क्या खींचा तो तुम भी बदल गयी,
मैं जहां ठहरा था उससे कई ज़्यादा आगे निकल गयी।-
पहलूं से पर्दा हटाती क्यों नहीं,
अपनी बातें बताती क्यों नहीं,
मैं गैरों में हूं या अपनों में हूं,
ये वाक्या समझाती क्यों नहीं,
कुछ लोगों के ग़लत होने से,
शक़ हैं मेरे अलग होने से,
यकीं रखो तुम ज़रा मुझपर,
फ़रक हैं तेरे फ़रक होने से।-