रुठुंगा मैं तुमसे एक दिन इस बात पे
जब रूठा था मैं तो मनाया क्यूँ नहीं
मुँह फेर कर जब खड़ा था मैं वहाँ
बुलाकर पास सीने से अपने लगया क्यूँ नहीं
पकड़ कर तेरे हाथ पूछूँगा मै तुमसे
हक़ अपना मुझ पर तुमने जताया क्यूँ नहीं
इस धागे का एक सिरा तुम्हारे पास भी तो था
उलझा था अगर मुझसे तो तुमने सुलझाया क्यूँ नहीं-
I write what i feel..
Surprise me on 22 Feb 🤓
तेरे इश्क़ की कैद तो उम्र भर की थी ना
फिर कैसे तूने मुझे आजा़द कर दिया
.............-
तुम आना एक दिन मुझे समेटने
मेरे बिखर जाने के बाद
और यूं तो, कितनी बेचैनियां है ज़हन में तुम्हें लेकर
तुम आना एक दिन सारी सुकून लेकर
मेरे मर जाने के बाद-
हमने कहा इन आवारा बादलों से कि जरा थम के बरस
वो आ जाए एक बार तो फिर जम के बरस
मगर कमबख्त ये सिलसिला यूं ही चलता रहा
ये आंखें यूं ही तरसते रहे और ये बादल यूं ही बरसते रहे-
Ek baar apke hontho ko kya chakh liya
Hame to ab chocolate bhi fiki lagne lagi.-
Uske Saath Jeene Ka Ek Mauka De De Aye Khuda
Tere Saath To Hum Marne Ke Baad Bhi Reh Lenge-
तुम्हारी ख़ुशबू से महक गयी है हर एक साँस मेरी
ये कमबख्त दिल, तुम्हें फिर एक बार सीने से लगाना चाहता है।-
हर मुस्कुराता चेहरा खुश नहीं होता,
अक्सर... उनके जख्म बहुत गहरे होते हैं,
जिनकी हंसी बहुत खूबसूरत होती है।-
Mai jhel lunga tumhare mood swings
Tum handle kar paogi meri insecurities?-