Aman Shrivastava   (Amsh)
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जीवन के रसो को शब्दों में पिरोकर लिखता हूं
जो कह नही सकता किसीसे पन्नो पर लिखता हूं
Joined 16 April 2020


जीवन के रसो को शब्दों में पिरोकर लिखता हूं
जो कह नही सकता किसीसे पन्नो पर लिखता हूं
Joined 16 April 2020
21 FEB 2022 AT 9:03

मेरी कशिश मेरा एहसास मेरा हर ख्वाब तुझमे है
मै थोडा तुझमे हू तू थोडा मुझमे है

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12 SEP 2021 AT 21:06

जो उड़ने की आस लिए बैठा है वो परिंदा कौन है
ज़िंदा तो सब है यहां पर ज़िंदा कौन है

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4 SEP 2021 AT 22:55

सबके दिल टूटे है यहाँ
सबने खाये धोखे है
प्यार और विश्वास के वादे
हो गए सारे झूठे है
इमान अब लोगों का बिक गया है
सबने पेहने मुखौटे है
इन मुखौटाे के पीछे छिपे चेहरे
कुछ सच्चे, कुछ झूठे है

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6 JUN 2021 AT 17:45

मेरे ख्वाबों की कहानियों मे तेरी ही तो बातें है ना
माने या ना माने तू ये तू तो बस मेरी है ना

कभी ना बिछड़ना तू मेरे साथ चलना तू
मेरे रास्तों में एक छाव सिर्फ तेरी है ना

तुझसे ये कहना है तेरे संग रहना है
मेरीे सांसो को अब तेरी ही जरूरत है ना

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1 JUN 2021 AT 17:23

मेरी हैसियत मेरी क़ाबलियत से कुछ इस कदर बड़ी हो गई सारी आवाम ही मेरे विरोध मे खड़ी हो गई

किस किस से नज़र चुराऊँ किस किस को जवाब दू
यहाँ हर किसी की हैसियत मेरी हैसियत से बड़ी हो गई

ऐसा तो नहीं कि मैन कोइ बडा गुनाह किया हो
पर मेरे गुनाहों की सज़ा मेरे गुनाहों से बड़ी हो गई

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26 APR 2021 AT 12:40

किताबो मे जो लिखा है
वो किताबों से पढ़िएगा
दिल पढ़ना तो सिर्फ़ आशिक़ो को आता है
जिसका इश्क़ जितना पाक होता है
वो उतना हाल-ए-दिल समझ जाता है

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19 APR 2021 AT 20:23

अपने अंदर डूब जा
अपनी कमियो को अपनी ताकत बना
उठ चल आगे बढ
जो खो गया है उसे हासिल कर
कुछ तो मिलेगा गहराईयों में
जो है यही शायद दिखता नही
उसको तराश कर खुद से मिला
अपने अंदर डूब जा

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15 APR 2021 AT 11:31

अंजाम के डर से ख़ता ना करना भी एक ख़ता है
क्योकि हर ख़ता के पीछे होती एक वजह है

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गुफ़्तगू खुद से कि तो आज अपना हाल जाना
खुद से कितना दूर हो गया आज मैने है पेहचाना

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31 MAR 2021 AT 10:13

क्या कमी है ये मत सोचो
जितना है वो काफ़ी है
जीवन यू ही कट जायेगा
बाकी सब तो झाँकी है

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26 MAR 2021 AT 19:32

शराफत की दुनिया का किस्सा ख़त्म हो गया है
बेईमानाे की टोली मे चलना अब सीख गया हूं
अपने अंदर के इंसान को मार दिया है मैने
हैवानो की तरह रहना सीख गया हू

धोखेबाजो को धोखा, वफादारो को धोखा
धोखो के इस मुकाबले मे मै जीत गया हूं
अपनी ही शख़्सियत से घिन आती है अब मुझको
क्योंकि मैं अब दूसरों की तरह जीना सीख गया हूं

गरीबी और अमीरी से अब मै लड़ चुका हूं
सुकूं की तलाश मे अब मै बढ़ चुका हूं
हर मोड़ पर गुमनामी हर मोड अंधेरा है
जो अंत तक साथ जाए ना ऐसा कोइ मेरा है

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