वे दिखावा कर रहे हैं हमसे जुड़े रहने का
और दर्द भी सह रहे हैं मोहब्बत करने का-
रक्त भी क्या बहाऊं तू शामिल हर बूंद में मेरी
यादों में ही नहीं तू तो बसा है आंखों में मेरी,
जब भी तुझे छोड़ने की ठानू ए - जिस्म मेरे
हर आखिरी सांस मुझे ले आती है पास तेरे।-
बेपरवाहों की तरह घूम रहा था
अश्कों को आज बोलते हुए देखा है
आंखों से बह जाता था जो पानी
आज उसे गुनगुनाते हुए देखा है
बहुत सुरीली दिलकश आवाज है उनकी
उनकी जुबां से खुद को सुनते हुए देखा है-
तुम्हें देखकर बस एक ही अल्फाज़
सुकून याद रह जाता है
तेरा नज़राना मेरी बहती ज़िंदगी को
एक ठहराव देकर जाता है-
तेरा मुझको पुकारना मन जीत लेता है मेरा
मुझे तुझ तक खींच लाया है ये मुकद्दर मेरा
निराश था जीवन जीने की ज्योति जगाई तुमने
उजड़ गया था घर मेरा इसको सवारा है तुमने-
वक्त नहीं लगता लोगों के लिए बुरा बन जाने में
हिम्मत बनाए रखना शख्सियत बिखर जाने तक-
ना बना कोई कमरा मेरे नाम का अपने मकान में
पर कायम रखना कुछ जगह मेरे लिए अपने दिल में-
गुमनाम ही सही हूं
सुर्खियों में मुझे आना नहीं,
दिल चीर देते हैं लौग
इनके पास मुझे जाना नहीं।
हाथ बहुत नमकीन इनके
मेरे ज़ख्मों को दिखाना नहीं,
स्वार्थियों से भरी है दुनिया
अब इनसे दूर रहना ही सही।।-
मेरा प्यार सबके लिए बराबर का रहा
इसमे फ़र्क सिर्फ मुझसे नफ़रत का रहा,
उनसे रिश्ता तो सिर्फ़ इन्सानियत का रहा
बस यही दर्द उनको शिक़ायत का रहा।-