उसे बोलना पसंद है और मुझे उसकी बातें सुनना
वो बेझिझक पूरी दिन की बातें बोलती है
और मैं उसे सुकून से सुनता हूं
जब वो बोलती है तो एक अलग सी चमक उसके चेहरे पर होती है
मन करता है बस इसे सुनता जाऊं
और जब वो चुप रहती है तो दिल बेचैन हो जाता है
मैं चाहता हूं वो हमेशा बोलती रहे और मैं उसे सुनता रहूं ...-
हम दोनों अब अकेले रहना सिख रहे
पता है मुश्किल है पर ज़रूरी है
वो मुझे अब समझती नहीं
और मैं उसकी गलतियों पर सवाल नही करता
अगर साफ़ सबधों में कहुं तो ये हमारी
मोहब्बत का आख़िरी जंग है
जिससे हम दोनों हार रहे ...-
वो मेरी ज़िंदगी में किसी को जलाने के लिए आय था
और
आज मुझे ही जला रहा ...-
कुछ लोग वक्त के साथ बदल जाते है
और कुछ थम जाते है
कुछ आने वाले कल के लिए सपने बुनते हैं
तो कुछ पुरानी यादों को ओढ़ दफन हो जाते हैं ...-
जिसने जैसा चाहा मैं वैसा बन गया
किसी के लिए दोस्त, किसी के लिए हमसफ़र
तो किसी के लिए खिलौना
सब ने अपने हिसाब से समझा है मुझे
पर किसी ने मुझे अपना न समझा ...-
Aaj aap baat krne ke liye tadapa rahe ho
jis din tadapana chod diya
uss din aap awaj sunne ko tarsoge-
ये बात उनकी है जो कभी मेरे हुआ करते थे
ये बात उनकी है
जिनके होंठो को मैं चूम लिया करता था
जिनके हाथ में हाथ डाल बैठा करता था
जिनको खुद से ज्यादा चाहता था
ये बात उनकी है
जो होली में सबसे पहले मुझे रंग लगाया करते थे
जो मुझे अपना माना करते थे
पर आज वो मुझसे बहुत दूर हो गए है और इस दूरी का कारण भी मैं हूँ पर कहीं न कहीं गलत वो भी हैं
खैर
ये बात उनकी है जो कभी मेरे हुआ करते थे ...-
अगर क्या पाया क्या खोया का हिसाब लगाया जाए , तो पाया तो कुछ नहीं पर जिन्हें दिल से चाहा उन्हें खो दिया ...
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Kon kehta hai ki wo mere bagair tanha hogi
Wo to ek diya hai kahin aur jalti hogi
Wo to rehti hai taaron ke shehar mei
Usse kya khabar ki koi usse sochta hoga-