Aman Prince Kujur   (अमन प्रिन्स कुजुर)
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A Thinker, Who Wants To Express Himself.
Joined 23 September 2019


A Thinker, Who Wants To Express Himself.
Joined 23 September 2019
14 FEB AT 20:18

हर जनम में तुमसे मोहब्बत करूँगा,
एक तरफा ही सही पर तुमको चाहूँगा,
क्योंकि जब मेरे दिल के टुकड़े होंगे,
तब मै तुम्हारी चेहरे की मुस्कान देखूंगा |

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9 FEB AT 21:06

जब आँखे मिली थी तुमसे,
रूह में एक सिहरन सी दौड़ गई थी,
तुम्हें अपना बनाने की एक चाहत सी हो गई थी,
तुम्हारी एक झलक पाने के लिए,
हर दिन एक शहर से दूसरे शहर दौड़ती थी,
पर तुम्हारे चेहरे का नूर देख सारी थकान यू
ही खत्म हो जाती थी |

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3 JAN AT 23:48

आदत थी मुझे उससे बात करने की,
हसरत थी वो मेरी दिल की,
मोहब्बत थी वो मेरे ज़िंदगी की |
उसकी मुस्कान में बसी थी मेरी खुशियाँ,
उसके बिना सुनसान लगती थी मुझे मेरी यह दुनियाँ |
कभी समझ ना पाई वो मेरी आदत को,
मुझको कहती रही तुम नादान हो |
उसके इशारो को मै कभी समझ नही पाया,
उसकी जुल्फो में मै खोया रह गया,
पर जब मुझे होश आया,
तब खुद को अकेला पाया |
आदत थी मुझे उससे बात करने की,
क्योंकि हक्कीकत मुझे पता नही थी |

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27 DEC 2023 AT 22:39

कितनी शिद्दत से हमने तुमसे मोहब्बत की थी,
तुम्हें अपना बनाने के लिए हमने कितनी फ़रियाद की थी,
तुम्हारे चेहरे की मुस्कुराहट को याद कर,
आज भी हमारा दिल तुमसे मिलने को तरसता है,
शायद किस्मत में तुम नही थी मेरी,
इसलिए तुम्हें अपने यादों में संभाल के रखा है,
रात भर तुम्हारे यादों में खोया रहता हूँ,
और तुम्हें फिर से पाने की दुआ करता हूँ,
पता नही क्यों मै तुमसे इतनी मोहब्बत करता हूँ |

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29 NOV 2023 AT 19:46

शाम हो गई, घर जाना है,
रात हो गई, चाँदनी में बहकर जाना है,
दिनभर की बाते छोड़कर अपने ख्यालों में
खो जाना है,
थोड़ी देर सुकून में रहना है,
क्योंकि सुकून भी तो चंद पल की मेहमान है,
कल फिर से काम पे जाना है,
और उसके लिए खुद को तैयार भी करना है,
क्योंकि जीवन के हर पड़ाव को
हमें स्वीकार करना है |

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9 NOV 2023 AT 21:41

डर लगता था तुझे अँधेरे से, 
इसलिए खुद को जला के,
तुझे रोशनी दी,
पर जब सबेरा हुआ,
तब तुम मुझे अकेला छोड़ के चली गई |

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6 NOV 2023 AT 21:05

कोई रिश्ता नही रहा अब हमारा,
अब तो ख्वाबों में मत आओ ना मेरे,
तुम तो जी रही हो अपनी ज़िंदगी खुशी से,
मुझे भी तो कुछ पल जीने दो चैन से |

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16 OCT 2023 AT 14:26

वो मुझे बर्बाद करके मिलती रही गैरो से,
और मै उसकी यादों में बैठा रहा अंधेरो में,
सो भी नही पाता था रात के खामोशियो में,
क्योंकि उसकी आवाज़ गुंजती रहती थी मेरे कानों में,
उसके जिस चेहरे को छुपा के रखा था यादों की गहराइयों में,
वो चेहरा दिखने लगा मुझे मेरे ख्वाबों में,
शायद दिल उसे आज भी चाहता है,
पर उसके चाहने नही चाहने से क्या होता है,
उसने तो मुझे छोड़ दिया,
और मै तनहाई के आगोश में चला गया |

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6 OCT 2023 AT 21:26

बचपन जीने के उम्र में गुमसुम बैठा रह गया,
माँ बाप की लड़ाईयो में मेरा बचपन ही कही खो गया,
सब कुछ होते हुए भी मै खुशियों के लिए तरस गया,
जब बड़ा हुआ तो उन खुशियों ने अपनी
अहमियत को ही खो दिया |

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30 SEP 2023 AT 21:50

जवानी जीने के उम्र में मोहब्बत को गले लगाया था,
मोहब्बत ना मिली तो जवानी को ही बर्बाद कर डाला था,
उसको संभालने के लिए तो हर कोई उसके साथ था,
मेरे पास तो सिर्फ़ मेरी तनहाई का ही सहारा था,
जब तक होश संभाला तब तक एक दौर गुज़र चुका था,
जवानी कब बीत गई मुझे कुछ पता ना चला था |

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