किसी का हाथ पकड़ मेरे सपनों को छल गए,
चाहत अपनी एक दुनिया बनाने का जल गए।
जुड़ा जिनसे रिश्ता तस्वीर आँखों के गल गए,
जिस रास्तों को सजाए वो रास्ते भी बदल गए।।
साथी बने एक दूजे के फिर अनजान रेह गए,
ज़माने के दिए जोड़ी के नाम से बेनाम रेह गए।
दिल में बनी मुस्कुराहट ने रुख मोड़ लिया मुझसे,
दिखावटी मुस्कान चेहरे पर मेरी पहचान बन गए।
ना जाने किस मोड़ पर मेरे सारे सपने बिखर गए,
खुशियों का खज़ाना छोड़ एक पल को तरस गए।
मुश्किलों के घेरों में हम खुशियों को खोजते रहे,
हकीकत के इस भवर में मेरी आंखें भी बरस गए।।
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