Aman Mishra  
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Joined 30 March 2017


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Joined 30 March 2017
20 MAY 2021 AT 22:54

उन बच्चो के लिए जिन्होने आज अपनी खुदगर्जी के लिए पैदा करने वालो को भूला दिया l

जो बोया है वही पाओगे,
जो तुमने रंग दिखलाया,
वो तुम भी देखते जाओगे,
आज खुश हो लो कुंवारे बेटे की लाखो की कमायी पर,
पर एक रोज उस उम्र की डगर पर तुम कैसे आंसू छूपाओगे l

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20 MAY 2021 AT 21:44

एक ल्फज भी काफी है अपने दर्द को बताने को,
हर दर्द प्यार का नही होता ,
बहुत से आंसू है आँखो मे अपनो के लिए बहाने को,
जो प्यार मिला बचपन से जिनसे,
उनकी याद भी रुलाती है l

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20 MAY 2021 AT 21:37

उसका रोना भी तडपाता है,
उसका किसी और के साथ होना भी तडपाता है,
बस सुकुन इस बात की है की आज वो खुश है,
पर उसका मेरे साथ न होना भी तडपाता है l

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20 MAY 2021 AT 21:27

दिल मे छूपा हर दर्द ब्यां नही कर सकता,
वो प्यार ही कैसा जो मेरा दिलदार मेरा दर्द नही समझ सकता l

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21 AUG 2020 AT 0:04

लगता है हाथो की लकिरे भी धोखा दे जाती है,
देख कर लकिरे लोग कुछ और कहते थे,
पर शायद ये ज़िन्दगी ही जीने का मौका नही दे रही थी,
आज चाहत थी जीने की,
पर शायद ये मेरी आखिरी सांसे निकल रही थी l

इस अंतिम समय मे एक चिज कह जाऊँगा ,
मेरे अपनो से कुछ खुद के लिए मांगता जाऊँगा ,
खून होकर भी कभी उनके करीब नही हो पाया,
तुम तो उन्हे समझ जाना ,
एे मेरे दोस्तो वो थोड़ा गुस्सा होते है पर उनसे दूर मत जाना l
शायद मेरे बाद वो टूट चुके होंगे ,
पर एक हिम्मत के साथ उन्हे जगाना,
तब शायद मै ना रहूँगा,
पर तुम उनसे दूर ना जाना l

अमन मिश्रा

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24 JUN 2020 AT 0:18

मुस्कुरा रहा हु पर खामोश हु ,
राहे तो बहुत है ,
पर लगता है अब थक गया हु ,
उम्र तो अब भी काफी बची थी,
पर अपनो ने साथ छोड़ दिया ,
शायाद हम भी पुरी ज़िन्दगी जीते,
पर अपनो ने साथ छोड़ दिया l
हम मुस्कुरा रहे थे,
तब पुरी महफ़िल को हसा रहे थे,
आज हमारी आंसुओं को देख लोगो ने अकेला छोड़ दिया ,
जो कल तक थे अपने,आज उन्होने भी चेहरा मोड लिया ,
गैरो से क्या उमीद करते,
हम तो तब रो पडे,
जब अपनो ने भी साथ छोड़ दिया l

हाँ मै रोया था मै चिल्लाया था ,
ना जाने उस रोज कितनी आंसुओं को बहाया था ,
बस इतना कहना चाहता था ,
दर्द सीने मे लेकर जा रहा हु ,
पर तुम अपने मुस्कुराहाट को जाने ना देना ,
मेरे ना रहने पर भी मुस्कुराते रहना l

अमन मिश्रा

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20 JUN 2020 AT 7:55

वो दर्द जो वो ब्यां ना कर सका,
ना जाने कब से दिल मे छुपाया होगा,
उस रोज भी कोशिश तो की होगी,
पर किसी से बता ना पाया होगा l

रूह उसकी भी काप उठी होंगी,
ना जाने आँखों से कितना दर्द बहाया होगा,
कहना वो भी कुछ चाहता होगा,
पर किसी से बता ना पाया होगा l

ना जाने कितनी बार खुद को रोका होगा,
दर्द मे उस रात वो कितना रोया होगा,
कहने को अपने दिल की बात किसी अपने को खोजा होगा ,
पर किसी से बता ना पाया होगा l

जब आंसुओं और दर्द को छूपा ना पाया होगा,
सीने को चीर कर संसार को दिखा ना पाया होगा,
तब और कुछ वो कर ना पाया होगा,
चाहता था बहुत कुछ कहना,
पर किसी से बता ना पाया होगा l

- अमन मिश्रा

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18 MAY 2020 AT 22:58

Wo ashiki hi toh thi,
Jo Tu jaa rahi thi par mujhe rula rhi thi,
Umeed ab uss bhagwan se bhi kya rakhu,
Jo tujhe mera nhi bana saki..

Ab toh ek hi chiz reh gayi dil me,
Mai toh jaa raha hu ab bin tere,
Iss zindagi ki dorr yahin toot gayi,
Tu toh sikh gayi mere bina rehna,
Par afsos zindagi ye mujhe nhi sikha gayi...
Aaunga mai phir laut kar,
Ek roz teri yaadon aur khwaabo me,
Tab bas ek baat keh jaunga,
Iss baar naa mile hum,
Par agli baar tere bina nhi ji paunga. .

Aman Mishra

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18 MAY 2020 AT 22:57

मै दर्द मे हु,
फिर भी रोता नही
उससे कुछ केहता नही,
क्यूकि उसे तो अब मै दिखता भी नही l

उसने तो देख कर नजरो को फेर लिया,
केहना तो बहुत कुछ था पर हमने खुद को रोक लिया,
अब उसके यादो के सहारे ही जी लेंगे ,
पर दुआ करेंगे कभी वो नजरो के सामने ना आये ,
क्युकि तब हम इन बेहते आसुओं को भी ना रोक सकेंगे l

अमन मिश्रा

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18 MAY 2020 AT 22:52

किस्मत ने साथ न दिया और ठोकर खा खा कर हम गीरते गए l और हमे गिरता देख लोगो ने हमे गिरा हुआ ही समझ लिया l हमने तो उठने की कोशिश भी की और कर भी रहे है l ठोकर मारते मारते एक रोज वो थक जायेगा l और उस दिन वो खुद मुझे मंजिल तक पहचायेगा l हम खामोश थे आज बस इतना सोच जंग तो एक रोज उनकी(हसने वालो की ) भी हुई होगी किस्मत से बस फर्क इतना है वो लड़ कर आगे निकल गए और हम अब भी लड़ते रह गए l
तुम्हारे आगे बढ़ जाने का अफसोस नही मुझको, बस खुद के वहीं खडे रहने का दुख होता है l लड़ तो हम भी रहे किस्मत से पर दिल तो तब रोता है जब फ्री फोकट कोई ज्ञान देता है l
करने ना धरने को चले सब बाप बनने को l

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