Aman Manohari Goel   (Aman manohari goel)
16 Followers · 2 Following

read more
Joined 4 October 2019


read more
Joined 4 October 2019
1 SEP 2022 AT 23:01

मूरख बंदे जप ले हरि का नाम
सारा जीवन पाप किया है,
आखिर घड़ी में थाम,
मूरख बंदे जप ले हरि का नाम।

विषयों के तेरी तृप्ति हुई ना,
विकारों से तेरी मुक्ति हुई ना,
बचा ये मौका जान,
मूरख बंदे जप ले हरि का नाम।

झूठे जगत में नाम यह तेरा,
सोच बंदे किस काम का तेरा,
अधमी 'अमन' इस बात को जान,
मूरख बंदे जप ले हरि का नाम

-


30 AUG 2022 AT 21:41

एक रात यूं ही बीतने दो आंखों को आंखें लिए,
बड़ा सुकून आता है, नज़र भर देख जाने में।
बस यही लम्हा काफ़ी है अभी के लिए,
क्या ही मिलेगा कुछ सोचकर आगे की बातों में।
मैं हूं, तुम हो और ये हसीन पल है ए सनम,
साथ देना यूं ही, ज़िंदगी खुशनुमा बनाने में।

-


25 AUG 2022 AT 23:11

हर किसी को बहुत कुछ सहना पड़ता है,
रोज़ घर के मुखिया को ज़हर का घूंट पीना पड़ता है,
ये कुटुंब का पेड़ है ओ! नई पीढ़ी,
बड़े दबाव सह कर, हर हाल मे खुश रहना पड़ता है।

-


23 AUG 2022 AT 21:36

आज गुमान है मुझे मेरे सांवले रंग पर,
इसने किसी की काली सोच से बचा डाला।

-


22 AUG 2022 AT 21:43

ए गुलामों! मुझे मेरी आज़ादी में जीने दो,
मुझे मेरी मलकियत में रहने दो।
मत कहो मुझसे बातें कुछ पाने, बन जाने की,
मुझे सिर्फ़ अपने आप को फिर से पाने दो।

क्यूं वो करूं जिसकी चाहत ये दुनिया करती है,
क्यूं वहां चलूं जहां ये भीड़ बढ़ती है।
मैं अकेला हूं, अनोखा हूं, एक ही हूं इस धरा पर,
मैं जैसा ही मुझे वैसे रहने दो।
ए गुलामों! मुझे मेरी आज़ादी में जीने दो,

-


16 AUG 2022 AT 22:05

परत दर परत यादें जुड़ती चली जाती हैं,
कुछ खट्टी, कुछ मीठी चलती चली जाती हैं।
किसी एक ख़ास लम्हे का ही इंतजार होता है,
बस वहीं से कहानियां अमिट रची जाती हैं।

-


15 AUG 2022 AT 20:20

उस मां के जिगर से पूछो ज़रा, लाल उसका गया कहां?
आवाज़ धरा से आई तभी, कोख से आ इस आंचल में छिपा।
क्यूं रोती है ओ माई मेरी, तेरा लाल तुझसे दूर कहां,
बस फर्क इतना भला बहुत, तूने जगाया पर अब सोया सदा।

-


7 AUG 2022 AT 23:16

कभी कभी कुछ बातें बड़ी ना उम्मीदी से घट जाती हैं,
हम चाहते कुछ और हैं, मगर कुछ और हो जाती हैं।
हैरानी तब होती है मुझे जब कुछ सोचा नही होता,
कुछ दिमाग़ हिला जाती हैं, कुछ दिल हिला जाती हैं।

-


6 AUG 2022 AT 22:25

एक लड़का छोटे गांव का,
सबको यह बतलाना चाहता था।
यह मूरत नहीं भगवान है,
सबको यह दिखलाना चाहता था।

सुना था उसने बचपन में,
किस्सा मीरा के ज़हर पी जाने का।
इसी तर्ज़ पर आज वो लड़का भी,
यही साबित करना चाहता था।

एक घूंठ में उड़ेल गया सारी,
वो शीशी पूरे हलाहल की।
बाल भी बांका हुआ कहां,
पर नीली पड़ी बांके की छवि।

यह देख चकित सब गांव भया,
डरते चीखते बोले सभी।
प्रणाम है तेरी भक्ति को,
तब ईश पे दूध को धार चढ़ी।

-


5 AUG 2022 AT 22:21

तपा, जला, सज़ा दे ख़ुद को,
क्योंकि तेरे पीछे एक कारवां खड़ा है।
कर हिम्मत कुछ कर गुज़र जाने की,
तेरे लिए बाकी अभी रास्ता पड़ा है।
मार मुंह पे एक थप्पड़ जीत का इस ज़माने के,
फिर जीत के बाद वही ज़माना तेरे कदमों में रखा है।

-


Fetching Aman Manohari Goel Quotes