Aman Kumar   (_aMaN)
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A simple boy who believes in simplicity.
Joined 27 September 2019


A simple boy who believes in simplicity.
Joined 27 September 2019
12 MAY 2022 AT 12:13

Kal ki raat wo royi bahut, aaj subha mausam kuch udas tha
Sirf ek gulaab jo chuna usne, baaki foolon mein macha ek bawaal tha
Akelepan se dosti kar li usne, seher me uske laga wo mela badhawas tha
Aankhon me uske doob gye sagar, jab aankhon me uske aaya ek sailab tha.

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26 JAN 2022 AT 18:52

Kabhi dekha hai bacche kisi chij ko kabhi kabhi us rang mein rang dete hain jo ki asal me ho nhi sakta.. Par wo baccha khus hai ki ye Maine apne pasand ke rang se ranga ise.. Jamane ki choro.. Haan mere liye agar aasman gulabi hota hai to hone do.. Main isi gulabi aasman mein ek lal rang ka suraj banaunga or us lal rang ko mehndi ka rang samajh tumhare hathon mein laga dunga.. Or humesha ke liye tumhare rang mein dhal jaunga — % &

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5 DEC 2021 AT 19:57

उदास मौसम सर्द हवायें इन्हें भी शायद बिछड़न का मलाल था
जाते जाते रह गया अधूरा हमारी आँखों में जो सवाल था
मालूम दोनों को था फलसफा इस मोहब्बत का मगर
दिल की जीत होगी यहाँ हमारा ऐसा कुछ ख्याल था
तन्हा हम भी तन्हा तुम भी इस जिंदगी में अब
जो संग गुजारा मिलकर हमने वो ज़माना बेमिसाल था

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24 NOV 2021 AT 20:37

वो अपने रस्ते अब जाने लगा है
जो रंगत थी उसकी वो दिखाने लगा है
कभी कोशिश ही नहीं की उसने साथ निभाने की
और इस हालात को अब मज़बूरी बताने लगा है
दो चार आँसू भी वो बहाने लगा है
बहुत दुख में है ऐसा जताने लगा है
कर ही लेगा मेरा सौदा किसी से वो
फिर भी सबसे खास मुझे बताने लगा है
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वो अपने रस्ते अब जाने लगा है
जो रंगत थी उसकी वो दिखाने लगा है

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14 NOV 2021 AT 22:09

प्यार मोहब्बत की बातें करते हो
कहते हो जन्मों जन्म का नाता है
फिर तन्हा मुझे यूँ छोड़ जाने पर
कैसे तेरे इस दिल को लुभाता है

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13 NOV 2021 AT 20:36

मुझसे किसी ने पूछा तुम्हारे लिखने की वजह क्या है
मैंने सोचा कह दूँ कि प्यार करने की सजा है और क्या है
सवाल का जवाब देना तो आसान था लफ़्ज़ों में मगर
इशारों में बात ना समझे कोई तो फिर मजा क्या है!

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8 NOV 2021 AT 22:31

जिंदगी के उलझनों के बीच जब अचानक से तुम्हारी याद आ जाती है
ऐसा लगता है मानो दिल है शीशे की खिड़की जिसे सर्द तूफानी हवा तोड़ जाती है
वो कमी जो अचानक सी खलती है.. चुभती है तेरे पास ना होने से
वो कमी नहीं भरती किसी और के मेरे आसपास होने से
ये एहसास ये प्यार ये दर्द ये करार जो तुमसे जुड़ा है मेरे यार
वैसा ना मिला इस दुनिया में ना ही मिलेगा आसमान के पार!

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26 SEP 2021 AT 19:48

जिन्हें मैं लंबे समय से जानता हूँ
उन्हें भी भला मैं ख़ाक जानता हूँ
जैसा वो कहते हैं या जैसा मुझे लगता है
मैं वैसा ही मानता हूँ, असलियत नहीं जानता हूँ!!

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17 SEP 2021 AT 19:37

लोगों को अक्सर भीड़ मे खोते सुना है..और एक हम हैं जो अकेलेपन में खो जाते हैं..दर-असल बात ये है कि जब भी इस मन को अकेलापन मिलता है तो ये एक सफर पे निकल जाता है कहीं दूर एक अलग सी दुनिया में.. किसी से मिलने.. किसी से बातें करने.. कोई एक सिलसिला जो अधूरा छोड़ आए थे पिछली बार उसे पूरा करने.. और कई ऐसी ही बातों मे जिससे दिल को खुशी मिलती है
सच कहें तो हमारी हक़ीक़त वहीँ होती है उसी ख्वाब मे..उसी मनगढ़ंत दुनिया मे ही बसेरा है अपना.. जहाँ सब अपने हिसाब से चलता है... यहाँ तो हम परदेसी हैं..नाचते हैं जिंदगी के शोर पर....इसलिए जैसे मौका मिलता है लौट चलते हैं अपने घर को.. अपनी धुन मे झूमने को.. उसी ख्वाबों की दुनिया में..उसी हक़ीक़त सी जिंदगी में..!!

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16 SEP 2021 AT 18:01

लोग अपने मतलब से आते हैं और अपने मतलब से जाते हैं
ईन बेमतलब बातों का मतलब ढूँढने में हम बेवजह ही चैन गंवाते हैं

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