भारतीय संविधान के निर्माता, आधुनिक भारत के शिल्पकार एवं शोषितों, वंचितों व महिलाओं के मुक्तिदाता, ज्ञान के प्रतीक, विश्व रत्न बाबासाहब डॉ.भीमराव आम्बेडकर जी की जयंती पर उन्हें शत शत नमन 🙏🙏
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बुलंदियों पे पहुँचना कोई कमाल नहीं, बुलंदियों पे ठहरना कमाल होता है ।
जौनपुर ज़िले की शाहगंज विधानसभा सीट से सपा विधायक एंव पूर्व मंत्री श्री शैलेन्द्र यादव ललई पुर्वांचल के उन चुनिंदा नेताओं में हैं जो 20 साल से लगातार जनता का भरोसा जीतने में सफ़ल रहे हैं। सूबे में लहर किसी भी दल की हो शाहगंज क्षेत्र में ललई यादव की ही लहर चलती है। पिछले 2017 के चुनाव में भाजपा के तूफ़ान में जब बड़े बड़े धुरंधरों के तम्बू उखड़ गए तब भी ललई यादव अपना किला बचाने में कामयाब रहे।
दरअसल ललई यादव की सियासी कामयाबी का सबसे बड़ा राज़ समर्थकों का उनके प्रति समर्पण है। इसका भी एक बड़ा कारण है। गायो गाभिन बरधओ गाभिन के सियासी युग मे ललई लकीर खींच कर राजनीति करने के लिये जाने जाते हैँ। अपने समर्थकों की मदद वह किसी भी हद तक जाकर करते हैं।
उनका सर्वसुलभ रहना भी उन्हें क्षेत्र की जनता से जोड़े रखता है। एक रिंग पर सीधे फ़ोन उठाना, सुख हो या दुख लोगों के बीच पहुंचना अपना फ़र्ज़ समझते हैं।नतीजा यह कि वह पांचवीं बार विधानसभा की कुर्सी के बेहद नज़दीक नज़र आ रहे हैं।— % &-
ऊंच-नीच, अमीर-गरीब और जातपात के भेद से परे बेगमपुरा राज की संकल्पना करने वाले परम ज्ञानी, संत शिरोमणि सतगुरु रविदास महाराज जी के प्रकाश पर्व पर हार्दिक बधाई
बेगमपुरा -- ऐसा चाहूँ राज मैं, जहाँ मिलै सबन को अन्न।
छोट बड़ो सब सम बसै, रैदास रहें प्रसन्न— % &-
साम दाम दंड भेद सूत्र मेरे नाम का
गंगा माँ का लाडला मै खामखां बदनाम था
कौरवो से हो के भी कोई कर्ण को ना भूलेगा
जाना जिसने मेरा दुख वो कर्ण कर्ण बोलेगा
भास्कर पिता मेरे, हर किरण मेरा स्वर्ण है
वन में अशोक मै, तु तो खाली पर्ण है
कुरुक्षेत्र की उस मिट्टी में, मेरा भी लहू जीर्ण है
देख छानके उस मिट्टी को कण कण में कर्ण है.
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ऊँच नीच की ये जड़ वो अहंकारी द्रोण था
वीरो की उसकी सूची में, अर्जुन के सिवा कौन था
माना था माधव को वीर, तो क्यो डरा एकलव्य से
माँग के अंगूठा क्यों जताया पार्थ भव्य है
रथ पे सजाया जिसने कृष्ण हनुमान को
योद्धाओं के युद्ध में लड़ाया भगवान को
नन्दलाल तेरी ढाल पीछे अंजनेय थे
नियति कठोर थी जो दोनों वंदनीय थे
ऊंचे ऊंचे लोगो में मैं ठहरा छोटी जात का
खुद से ही अंजान मै ना घर का ना घाट का
सोने सा था तन मेरा, अभेद्य मेरा अंग था
कर्ण का कुंडल चमका लाल नीले रंग का
इतिहास साक्ष्य है योद्धा मै निपूण था
बस एक मजबूरी थी, मै वचनो का शौकीन था
अगर ना दिया होता वचन, वो मैने कुंती माता को
पांडवो के खून से, मै धोता अपने हाथ को-
पांडवो को तुम रखो, मै कौरवो की भीड से
तिलक शिकस्त के बीच में जो टूटे ना वो रीड़ मै
सूरज का अंश हो के फिर भी हुँ अछूत मै
आर्यव्रत को जीत ले ऐसा हुँ सूत पूत मै
कुंती पुत्र हुँ मगर न हुँ उसी को प्रिय मै
इंद्र मांगे भीख जिससे ऐसा हुँ क्षत्रिय मै
आओ मैं बताऊँ महाभारत के सारे पात्र ये
भोले की सारी लीला थी किशन के हाथ सूत्र थे
बलशाली बताया जिसे सारे राजपुत्र
काबिल दिखाया बस लोगो को ऊँची गोत्र के
सोने को पिघला कर डाला शोन तेरे कंठ में
नीची जाती हो के किया वेद का पठंतु ने
यही था गुनाह तेरा, तु सारथी का अंश था
तो क्यो छिपे मेरे पीछे, मै भी उसी का वंश था-
जिन्दगी का एक वर्ष और कम हो चला,
कुछ पुरानी यादे पीछे छोड़ चला....
कुछ ख्वाहिशें दिल में रह जाती है
कुछ बिन मांगे मिल जाती है.....
कुछ छोड़ कर चले गए
कुछ नए जुड़ेंगे इस सफ़र में......
कुछ मुझसे बहुत खफा है
कुछ मुझसे बहुत खुश है.....
कुछ मुझे मिल के भूल गए
कुछ मुझे आज भी याद करते है.....
कुछ शायद अनजान है
कुछ बहुत परेशान है......
कुछ सही है, कुछ ग़लत भी है
कहीं हुई हो गलती तो माफ़ कीजिए
और कुछ अच्छा लगा हो तो याद कीजिए 🙏🥰
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आपको और आपके परिवार को दीपों के पावन पर्व 'दीपावली' के शुभ अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं l प्रकाश व खुशियों के महापर्व "दीपावली" आपके जीवन में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली लेकर आये।
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भारतरत्न' से सम्मानित देश के 11वें राष्ट्रपति, 'मिसाइल मैन' के नाम से प्रसिद्ध, महान वैज्ञानिक, शिक्षक व लेखक डॉ. ए. पी.जे. अब्दुल कलाम आज़ाद जी की जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन।
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