Aman Jain   (Poetamanjain)
0 Followers · 2 Following

Joined 22 January 2022


Joined 22 January 2022
2 JUN 2022 AT 23:09

सोच के डरता है बच्चा, क्या हो,
जब ह्रदय और स्पंदन रहेगें नहीं,

-


8 MAY 2022 AT 7:24

जिसके हाथों की महक किसी इत्र से कम नहीं।
जो साथ निभाती है तो किसी मित्र से कम नहीं।।
जो मेरे जख्मों पे मरहम सी सदा साथ रहती है।
आंख दिखा आंख का तारा केवल वो कहती हैं।।
गर्म रोटी का स्वाद क्या है वो कहां पहचानती है।
रविवार किसे कहते है, ये मां क्या ही जानती है।।
जिसकी दुआ का असर दवा से पहले होता है।
मां के होने का अहसास हवा से पहले होता है।।
किसी के लिए व्रत रखें कभी धागे बांधती है।
मां अभावों में भी सबका पूरा ध्यान रखती है।।
गम आंसू पीर चुरा वो अपने सिर ले सकती है।
ये मां है साहब खुदा से भी लोहा ले सकती है।।
जब मैं भी तेरी तरह मुश्किलों से लड़ जाऊंगा।
शायद! तभी माँ शब्द का अर्थ समझ पाउँगा।।

-


14 APR 2022 AT 5:45

जो धीरज धर जाए मन में, तो वह धीर बन जाएगा।
जो भयमुक्त हो के जग में, तो वह वीर बन जाएगा।।
अस्त्र शस्त्र द्वारा शत्रुओं पर, विजय भले न हो पाए,
जो स्वयं को जीत जाए तो, वह महावीर बन जाएगा।।

-


22 JAN 2022 AT 23:40

Meri muhabbat ki tulna kisi se karna Mumkin hi nhi,
Tum toh jhooth bhi bolti ho to mai sach Maan leta hu.

-


Seems Aman Jain has not written any more Quotes.

Explore More Writers